आप सभी को बता दें कि नवरात्रि के आठवें दिन माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का पूजन किया जाता है जिनका नाम महागौरी है. कहते हैं दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है और इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है. कहा जाता है माता की उपासना से भक्तों को सभी कल्मष धुल जाते हैं, पूर्वसंचित पाप भी विनष्ट हो जाते हैं. इसी के साथ भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं जाते और वह सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है. ऐसे में आज के दिन महागौरी के पूजन के दौरान उनकी इस आरती का गुणगान करने से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं तो आइए जानते हैं माँ की वह आरती जो आज के दिन पढ़ना लाभदायक है.
"आरती"
जय महागौरी जगत की माया।
जया उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरी वहां निवासा॥
चंद्रकली ओर ममता अंबे।
जय शक्ति जय जय माँ जगंदबे॥
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्यता॥
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती {सत} हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥
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