इस पूजा विधि से करने मां कुष्मांडा का पूजन, जानिए मंत्र-आरती-कथा-भोग
इस पूजा विधि से करने मां कुष्मांडा का पूजन, जानिए मंत्र-आरती-कथा-भोग
Share:

आज नवरात्रि का तीसरा और चौथा दिन है. नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करते हैं. जी दरअसल इस साल तीसरे दिन ही तृतीया और चतुर्थी पड़ रही है, ऐसे में मां के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा- अर्चना आज ही होगी। कहा जाता है जो लोग माँ कुष्मांडा की उपासना करते हैं, उनके समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। 

मां कुष्मांडा कथा- माता कूष्मांडा ने ही ब्रहांड की रचना की थी। इन्हें सृष्टि की आदि- स्वरूप, आदिशक्ति माना जाता है। वहीं मां कूष्मांडा सूर्यमंडल के भीतर के लोक में निवास करती हैं। मां के तेज और प्रकाश से सभी दिशाएं प्रकाशित हो रही हैं। मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। मां को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है। माँ के सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। वहीं आठवें हाथ में जपमाला है। मां सिंह का सवारी करती हैं।


माँ कूष्मांडा की पूजा विधि- आप सुबह उठकर सबसे पहले स्नान कर लें। इसके बाद साफ- सुधरे कपड़े पहन लें। अब मां कूष्मांडा का ध्यान कर उनको धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित करें। इसके बाद मां कूष्मांडा को हलवे और दही का भोग लगाएं। आप इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। आज मां का अधिक से अधिक ध्यान करें और पूजा के अंत में मां की आरती करें।

माँ का भोग- मां कुष्मांडा को मालपुए बहुत प्रिय हैं इस वजह से नवरात्रि के चौथे दिन उन्हें मालपुए का भोग लगाए.


कूष्मांडा मंत्र-

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्‍मांडा रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

मां कूष्मांडा आरती-

चौथा जब नवरात्र हो, कूष्मांडा को ध्याते।
जिसने रचा ब्रह्मांड यह, पूजन है
आद्य शक्ति कहते जिन्हें, अष्टभुजी है रूप।
इस शक्ति के तेज से कहीं छांव कहीं धूप॥

कुम्हड़े की बलि करती है तांत्रिक से स्वीकार।
पेठे से भी रीझती सात्विक करें विचार॥

क्रोधित जब हो जाए यह उल्टा करे व्यवहार।
उसको रखती दूर मां, पीड़ा देती अपार॥
सूर्य चंद्र की रोशनी यह जग में फैलाए।
शरणागत की मैं आया तू ही राह दिखाए॥

नवरात्रों की मां कृपा कर दो मां
नवरात्रों की मां कृपा करदो मां॥

जय मां कूष्मांडा मैया।

जय मां कूष्मांडा मैया॥

आज इस पूजा विधि से करें मां चंद्रघंटा का पूजन, जानें उपासना मंत्र-स्त्रोत और कथा

नवरात्रि के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा का पूजन, जानिए मंत्र और भोग

क्या है नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ का महत्व? जानिए पूरा तरीका

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -