आज नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करते हैं ऐसे में मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी हैं. कहते हैं महर्षि कात्यायन के घर मां भगवती ने पुत्री रूप में जन्म लिया और इस कारण से देवी कात्यायनी कहलाईं. आज मां कात्यायनी शत्रुहंता हैं और इनकी पूजा से शत्रु पराजित होते हैं और जीवन सुखमय बनता है. ऐसे में मां के इसी रूप ने शुंभ और निशुंभ नामक राक्षसों का संहार किया था.
कहते हैं मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं और भगवान श्रीकृष्ण को पति रूप में प्राप्त करने के लिए ब्रज की गोपियों ने मां की पूजा की थी. ऐसे में मां ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं और मां कात्यायनी की उपासना से परम पद की प्राप्ति होती है. आप सभी को बता दें कि रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं और मां की कृपा से सारे कार्य पूरे हो जाते हैं.
ऐसे में मां की पूजा से अद्भुत शक्ति का संचार होता है और मां कात्यायनी की आराधना से कन्याओं का विवाह होता है. ऐसे में मां को हरित और बसंती रंग बहुत प्रिय है और मां की आराधना के समय पीले या श्वेत वस्त्र धारण करें तो आपको लाभ होगा.
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