नवरात्रि: इस विधि से करें माँ कालरात्रि का पूजन, जानिए मंत्र और स्तुति
नवरात्रि: इस विधि से करें माँ कालरात्रि का पूजन, जानिए मंत्र और स्तुति
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नवरात्रि का पर्व हर साल मनाया जाता है और आज नवरात्रि का सांतवा दिन है। आज के दिन माँ कालरात्रि का पूजन किया जाता है। अब हम आपको बताते हैं माँ कालरात्रि की पूजा विधि, उनके मंत्र और शुभ मुहूर्त। 

मंत्र- एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।| वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा। वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयन्करि।|

मंत्र- ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: ।
ॐ कालरात्र्यै नम:
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।

ध्यान मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्ल सल्लोहलता कण्टक भूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

मां कालरात्रि का ध्यान- 

करालवंदना धोरां मुक्तकेशी चतुर्भुजाम्।
कालरात्रिं करालिंका दिव्यां विद्युतमाला विभूषिताम॥

दिव्यं लौहवज्र खड्ग वामोघो‌र्ध्व कराम्बुजाम्।
अभयं वरदां चैव दक्षिणोध्वाघ: पार्णिकाम् मम॥

महामेघ प्रभां श्यामां तक्षा चैव गर्दभारूढ़ा।
घोरदंश कारालास्यां पीनोन्नत पयोधराम्॥

सुख पप्रसन्न वदना स्मेरान्न सरोरूहाम्।
एवं सचियन्तयेत् कालरात्रिं सर्वकाम् समृद्धिदाम्॥

स्तुति:- या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।ॐ ऐं ह्रीं क्रीं कालरात्रै नमः ।।

पूजा विधि- माँ कालरात्रि ने शुंभ निशुंभ जैसे दानवों का संहार किया था। कहा जाता है इस दिन मां कालरात्रि की पूजा में मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल, अक्षत, धूप, गंध, पुष्प और गुड़ नैवेद्य अर्पित किया जाता है। जी दरअसल इस दिन गुड़ का विशेष महत्व माना गया है। मां कालरात्रि को लाल रंग प्रिय है। इस वजह से सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और मंदिर में आसन पर बैठ जाएं। उसके बाद माता का आवाहन करें। इसके बाद मां कालरात्रि की षोडषोपचार (आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, उपवस्त्र, गंध, पुष्प, धूम, दीप, नैवेद्य, आरती, नमस्कार, पुष्पांजलि) से पूजा करें। पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें।

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