हर साल आने वाली गुप्त नवरात्रि इस साल 22 जून से आ चुकी है. ऐसे में गुप्त नवरात्रि में अलग-अलग दिन अलग-अलग देवियों का पूजन किया जाता है. ऐसे में इन सभी दिनों में अगर माँ दुर्गा का पूजन और आरती हो तो शुभ माना जाता है. ऐसे में आज हम लेकर आए हैं माँ अम्बे की आरती जो आपको रोज करनी चाहिए.
माँ अम्बे की आरती -
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति .
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ..
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति .
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ..
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को .
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ..जय अम्बे गौरी..
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै.
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ..जय अम्बे गौरी..
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी .
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ..जय अम्बे गौरी..
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती .
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ..जय अम्बे गौरी..
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती .
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ..जय अम्बे गौरी..
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू.
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ..जय अम्बे गौरी..
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी.
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ..जय अम्बे गौरी..
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती .
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ..जय अम्बे गौरी..
श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावै .
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ..जय अम्बे गौरी..
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