लखनऊ। राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार अवैध बूचड़खानों को बंद करने में लगी है। ऐसे में लखनवी मिजाज के लिए लोकप्रिय टुंडे कबाब पर भी कार्रवाई की गई। करीब 100 वर्षों में पहली बार इस दुकान को बंद किया गया तो काफी चर्चा हुई दूसरी ओर अन्य अवैध रूप से संचालित दुकानों को भी बंद कर दिया गया। इसके विरोध में शहर के कारोबारी हड़ताल पर चले गए दूसरी ओर शहर में मटन व चिकन की करीब 5 हजार दकानों को बंद कर दिया गया।
कारोबार मंदा होने के कारण लखनऊ की मुर्गा मंडी समिति व मीट मुर्गा व्यापार कल्याण समिति द्वारा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कहा गया कि 50 से अधिक होलसेलर थे और 5 हजार से अधिक रिटेलर्स को चिकन की सप्लाय की गई। प्रतिष्ठान कारोबारी संजय सक्सेना ने कहा कि लखनऊ नगर पालिका निगम के कार्यालय में कई बार दुकान के लाईसेंस के लिए आवेदन दिए मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। वर्ष 2012 से आवेदन दिया मगर इसे सेंशन नहीं किया गया।
स्थिति यह है कि पुराने लाइसेंस तक रिन्यू नहीं हो रहे हैं। कुछ लोगों को तो शाकाहार तक करना पड़ गया। दुकानें बंद करने के विरोध में यहां के कारोबारी आ गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार मीट मुर्गा कल्याण समिति द्वारा समूचे राज्य में हड़ताल की घोषणा कर दी गई है।
दरअसल कानपुर के मुर्गा कारोबारी मंडल ने सभी से हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है। मिली जानकारी के अनुसार नोएडा और गाजियाबाद में चिकन व मटन के प्रतिष्ठान बंद होने से कई लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। स्थिति यह थी कि लोग नाॅनवेज के लिए तरसने लगे।
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