नई दिल्ली : ईरान और अमेरिका के नेतृत्व में विकसित देशों के बीच हुए समझौते से भारत को भी लाभ होगा. क्योंकि अब भारत ईरान से बिना किसी परेशानी के कच्चा तेल खरीद सकेगा. इससे पहले प्रतिबंध के चलते भारत 1 साल में 90 लाख टन से अधिक गैस ईरान से नहीं खरीद सकता था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरान को परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण इस्तेमाल की मिली छूट को लेकर संतोष जताया है और दोनोंं पक्षों के बीच हुई सहमति पर प्रसन्नता जताई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उफा (रूस) में ईरान के राष्ट्रपति होसन रोहानी से मिल कर द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने की संभावनाए बढ़ा दी है. ईरान में कारोबार की जबरदस्त संभावनाओं को देखते हुए भारत अपनी कूटनीतिक सक्रियता भी बढ़ाने जा रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है कि PM मोदी और रोहानी के बीच बीते सप्ताह संपन्न हुई बातचीत में आपसी संपर्क और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग का मुद्दा उठा.
उधर, वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि भारत व ईरान के बीच पहले ही मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत की शुरुआत हो चुकी है. और अब यह और रफ्तार पकड़ेगी. अप्रैल में वाणिज्य सचिव राजीव खेर ने ईरान की यात्रा भी की थी. ईरान के परमाणु विवाद के सुलझने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में और गिरावट के आसार दिख रहे हैैं. चूंकि अब ईरान भी अपना तेल बेच सकेगा. इसलिए आज मंगलवार को ही कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में घट कर 52.50 डॉलर के करीब आ गई है.
पेट्रोल व डीजल की कीमतों में हो सकती है कटौती
तेल कंपनियां कल बुधवार पेट्रोल व डीजल की कीमतों में अच्छी खासी कटौती कर सकती हैैं. वैसे भी ईरान भारत को सस्ता कच्चा तेल बेचता रहा है. भारत 4 वर्ष पहले तक ईरान का दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक था. लेकिन ईरान पर अंतरराष्ट्रीय पाबंदी के बाद भारत को दूसरे देशों से अधिक कीमत पर कच्चा तेल खरीदना पड़ता था लेकिन अब भारत फिर से ईरान से कच्चा तेल खरीद सकेगा. ईरान भारत को दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले थोड़ी कम कीमत पर तेल भी देता है.