यामी का मतलब क्या होता है यह नहीं जानती पहले सोचा यम की बीवी का नाम होगा फिर अपनी गवई सोच पर हिकारत हुई आप हमारी तरह गांव की तो हैं नहीं कि नाम तय करने का हिसाब कमल से कमली और विमल से विमला की तर्ज पर होगा। आप तो अंग्रेजीजदा हाई-फाई लड़की हैं। खूबसूरत भी बला की हैं।
न्यूज देखती होंगी तो हर दूसरे रोज किसी नेता को बोलते सुना ही होगा आपने कि भारत के आधे से ज्यादा लोग गांवों में रहते हैं, तो मैं भी इन्हीं लोगों में शुमार हूं मैं तो कभी आपके शहर में दखल देने नहीं आई लेकिन आप मुई टीवी के रास्ते हमारे कमरे और हमारे आदमियों के दिमागों में आ गई हैं। हमने अपनी देहरी नहीं लांघी तो आपसे भी उम्मीद थी कि अपने तक या अपने जैसों तक रहतीं। आज आपका जन्मदिन है लेकिन मेरा लहजा शिकायती है, आप ये खत पढ़ेंगी तो शायद हैरत में पड़ेंगी कि ये गंवार मुझे भला-बुरा क्यों कह रही है।
तो सुनिए मैडम, मैं भी आप ही की तरह एक लड़की हूं, हां शहरी नहीं हूं। न ही आपकी तरह गोरी हूं। पढ़ी लिखी हूं, गांव के स्कूल में पढ़ाती भी हूं लेकिन फिर भी आपके कारण मेरी जिंदगी दूभर हो चुकी है। आपके गोरेपन ने मेरी खुशियों पर कालिख मल दी है।
जब गोरी सी हिरोइन कहती है, 'मोरा गोरा अंग लइ ले मोहे श्याम रंग दइ दो' तो हम इठला जाते हैं अपने भाग्य पर। हम तो जिनको पूजते हैं वो कृष्ण भी सांवले थे। सांवली सलोनी कितना प्यारा लगता है बरक्स गोरी-चिट्टी के।
श्याम जो देवत्व का रंग था अब लानत भेजने के काम आता है। काला बुरा है और सफेद सुंदर, ये सोच ही अमानवीय है। जहां सबसे ज्यादा गोरे रहते हैं वहां भी यह कहना अपराध है, लेकिन गोरों के खिलाफ जंग लड़ने वाले इस देश में सांवलेपन के साथ हो रहे जुल्म-ओ-सितम के लिए आप भी जिम्मेदार हैं मैडम। अपने जन्मदिन के मौके पर कुछ अच्छा करिए और देश को कह दीजिए कि गोरेपन की जो महिमा आपने गाई है वह सिर्फ पैसों के लिए की गई अदाकारी है।
सद्बुद्धि की कामना के साथ
आपकी सलोनी
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