कोरोना लॉकडाउन की मुश्किलों को ऐसे आसान बना देंगे
कोरोना लॉकडाउन की मुश्किलों को ऐसे आसान बना देंगे
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कोरोना लॉकडाउन के दौरान पैदा हुई मुश्किलों को आसान करने के लिए देहरादून के युवाओं ने कुछ अलग किया है। किसी ने सैनिटाइजेशन करने के लिए हाथों का इस्तेमाल बंद करने की मशीन बनाई है तो किसी ने आपके पूरे सामान को पांच मिनट में सैनिटाइज करने की तकनीकी इजाद है। इस बीच 11 साल के नन्हें मास्टर तनिष्क ने स्मार्ट डस्टबिन का प्रोटोटाइप तैयार किया है।यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान, आईआरडीई के वैज्ञानिक शब्बीर अहमद ने ऐसी मशीन तैयार की है,जिसमें बिना हाथ लगाए आप न केवल अपने हाथों को सैनिटाइज कर सकते हैं बल्कि जूतों को भी सैनिटाइज कर सकते हैं। इसमें बिजली और इलेक्ट्रॉनिक्स का कोई हिस्सा नहीं है। इसका फुट पैडल बहुत ही मुलायम है और इसे बच्चा भी आसानी से इस्तेमाल कर सकता है। अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर की धारा पैडल से आसानी से नियंत्रित की जा सकती है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें की सैनिटाइजर होल्डर इस प्रकार से बनाया गया है कि इसमें बाजार में आसानी से उपलब्ध कोई भी सैनिटाइजर बोतल फिट हो सके। फुट पैडल को थोड़ा सा दबाने पर बोतल को बदला जा सकता है। फुटवियर सैनिटाइजर सिस्टम में स्पन्ज का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें क्लोरीन आधारित क्लीनर या क्वाटरनरी अमोनियम या आयोडीन सैनिटाइजर भरा जाता है। इसमें किसी भी साइज़ का जूता सैनिटाइज किया जा सकता है। एमईएसयू नाम की इस मशीन का इस्तेमाल आम जगहों जैसे ऑफिस, अस्पताल और दुकान में किया जा सकता है।देहरादून निवासी एयरफोर्स में सीनियर ऑफिसर प्रेम बहादुर के बेटे मास्टर तनिष्क प्रेम ने कोरोना लॉकडाउन के बीच स्मार्ट डस्टबिन तैयार किया है। 11 साल के मास्टर तनिष्क का कहना है कि यह मास्टर डस्टबिन का ऐसा प्रोटोटाइप है, जिसके सामने आप खड़े होंगे तो इसका ढक्कन खुद खुल जाएगा। 

इसमें आप कूड़ा डाल दें। डस्टबिन को हाथ लगाए बिना ही यह बंद हो जाएगा। इस तरह वायरस फैलने का खतरा घट जाएगा। मास्टर तनिष्क ने बताया कि इस तरह का डस्टबिन हम अस्पताल, आईसीयू आदि जगहों पर इस्तेमाल कर सकते हैं।देहरादून के स्टार्टअप प्लेड्स इनोवेशन ने कम कीमत वाला सैनिटाइजिंग बॉक्स तैयार किया है। इस बॉक्स में यूवी लाइट्स का इस्तेमाल किया जाता है। प्लेड्स इनोवेशन की टीम ने बताया कि इस बॉक्स में पांच मिनट के भीतर खाने-पीने के सामान, पर्स, चश्मा, एन 95 मास्क तक को सैनिटाइज किया जा सकता है। इसके अलावा कंपनी ने एक मैन्यूअल चलने वाली मशीन तैयार की है, जिससे बेड, आलमारी, फ्रिज, ऑफिसर की कुर्सी आदि सभी को सैनिटाइज किया जा सकता है। प्लेड्स टीम के मुताबिक, अभी तक विदेशों और कुछ महंगे अस्पतालों में इसका इस्तेमाल हो रहा है, जो कि काफी महंगा है। उनकी कंपनी ने बेहद कम कीमतों में यह डिवाइसेज तैयार की हैं।

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