श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों पर कड़ी कार्रवाई के संकेतों के बीच शुक्रवार रात को जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) अध्यक्ष यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया है। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि अभी किसी और के गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि नहीं की गई है।
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उल्लेखनीय है कि पुलवामा जिले में CRPF के काफिले पर हुए आत्मघाती आतंकवादी हमले के आठ दिन बाद यह कार्रवाई सामने आई है। इस हमले में सीआरपीएफ के 44 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। दरअसल, पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू कश्मीर के 18 हुर्रियत नेताओं के साथ ही 160 अन्य राजनेताओं को दी गई सुरक्षा वापस ले ली थी। इनमें एसएएस गिलानी, अगा सैयद मौसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी,जफर अकबर भट, शाहिद उल इस्लाम, नईम अहमद खान,मसरूर अब्बास अंसारी, अगा सैयद अब्दुल हुसैन, मोहम्मद मुसादिक भट, फारुख अहमद किचलू, अब्दुल गनी शाह, और मुख्तार अहमद वजा के नाम शामिल थे।
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इन अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में सौ से अधिक वाहन लगे हुए थे। इसके अलावा 1000 पुलिसकर्मी भी इन नेताओं की सुरक्षा में तैनात थे। सुरक्षा हटाने से जम्मू कश्मीर में कुछ तनाव की स्थिति जरूर है, किन्तु बाकि के सभी राज्यों में केंद्र सरकार के इस कदम की प्रशंसा की जा रही है।
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