कोरोना के बाद खेल के मैदान में रौनक वापस लौट आई है. वहीं लिवरपूल का इंग्लिश प्रीमियर लीग फुटबॉल चैंपियनशिप जीतने का पिछले 30 वर्ष से चला आ रहा लम्बा इंतज़ार गुरुवार को यहां मैनचेस्टर सिटी की चेल्सी के हाथों हार के साथ ही खत्म हो गया. लिवरपूल ने इससे पहले आखिरी बार 1990 में खिताब जीता था और अगले खिताब का उसका इंतजार तब खत्म हुआ जबकि उसके खिलाड़ियों ने मैदान पर कदम भी नहीं रखा है, उसने चेल्सी की दूसरे नंबर पर काबिज मैनचेस्टर सिटी पर 2-1 से जीत से अपना खिताब सुरक्षित कर लिया है. इस परिणाम का अर्थ है कि सिटी बाकी बचे सात दौर के मैचों में लिवरपूल की बराबरी तक नहीं पहुंच पाएगा.
हालांकि लिवरपूल आठ अलग-अलग दशकों में इंग्लैंड प्रीमियर लीग का ताज अपने सिर पर पहले से ही सजा चूका है. 1888 में इस लीग की शुरुआत हुई थी, उसके बाद यह पहला अवसर है, जब कोई टीम सात मैच बाकी रहते हुए चैंपियन बन गई. 132 साल के इतिहास में मैनचेस्टर यूनाइटेड (20) के बाद लिवरपूल (19) सबसे ज्यादा बार इंग्लिश प्रीमियर लीग का खिताब जीतने वाली टीम है.
जानकारी के लिए बता दें की लिवरपूल के 31 मैचों में 86 जबकि सिटी के इतने ही मैचों में 63 अंक हैं. दोनों के बीच अब 23 अंकों का अंतर आ गया है. चेल्सी के 54 अंक हैं और वह तीसरे स्थान पर कब्ज किए हुए है. लिस्टर सिटी से एक अंक पीछे और पांचवें नंबर के मैनचेस्टर यूनाईटेड से पांच अंक आगे है. लिवरपूल ने ऐसे वक्त में यह खिताब जीता जबकि कोरोना वायरस के वजह से लीग लगभग तीन महीने तक ठप रही और इसके बाद मैचों का आयोजन खाली स्टेडियम में किया जा रहा है.
क्रिकेट खेलने भारत आना चाहता है पाकिस्तान, ICC से की यह गुजारिश
टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच और उनकी पत्नी कोरोना पॉजिटिव, तीन अन्य खिलाड़ी भी संक्रमित
पाक क्रिकेट टीम पर टूटा कोरोना का कहर, 10 खिलाड़ी हुए संक्रमित