असंयमित और गलत खान-पान लीवर इंफेक्शन का प्रमुख कारण होता है। यह एक गंभीर शारीरिक समस्या है। यह रोग एक वायरस की वजह से होता है जिसके कई रूप हैं। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी आदि इस संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते हैं। हेपेटाइटिस ए मुख्यतः रोगी के मल द्वारा फैलता है। यह संक्रमण से दो हफ्ते तक रोगी के मल में देखा जा सकता है। हेपेटाइटिस बी और सी रक्त द्वारा फैलता है। बदन में सुस्ती रहना, भूख बंद हो जाना, जी मिचलाना, उल्टियां-दस्त आदि इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
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यह है इसके लक्षण
हम आपको बता दें इस रोग में लीवर का आकार बढ़ने लगता है जिसके कारण पेट में दर्द की शिकयत रहती है। हेपेटाइटिस बी के संक्रमण से कभी-कभी रोगी को बोलने में भी तकलीफ होने लगती है। रोग के अनियंत्रित होकर क्रौनिक हेपेटाइटिस बन जाने पर उपरोक्त सभी लक्षण एक साथ दिखने लगेत हैं। ऐसे में रोगी को पूर्ण आराम की जरुरत होती है। किसी भी हाल में रोगी को थकान नहीं होना चाहिए।
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इसका सेवन है जरुरी
इसी के साथ पौष्टिक आहार लेना जरुरी होता है। लगभग 2-3हजार कैलोरी प्रतिदिन शरीर के लिए आवश्यक है। फल, ग्लूकोज, प्रोटीन युक्त भोजन जरुरी है। लीवर से संबंधित किसी भी समस्या के समाधान के लिए आहार पर ध्यान देना बहुत जरुरी है। ऐसी सब्जियां जो लीवर के लिए आवश्यक तत्व उपलब्ध कराती हों उनका सेवन करना चाहिए।
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