नई दिल्लीः अफ्रीकी देश कांगो में तैनात भारतीय सेना के एक जवान की मौत हो गई है। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी यूएन के शांति मिशन के तहत डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में मिलिट्री स्टॉफ ऑफिसर के रूप में तैनात थे। उनकी मौत झील में डूबने से हुई। वह यहां की लेक कीवु झील में कयाकिंग करने गए थे। जहां यह हादसा हो गया था। यूएन के शांति मिशन की ओर से कहाया गया कि उनका सहयोगी डूब रहा था और उसे बचाने में गौरव की जान चली गई। उनका शव छह दिनों बाद मिला।
लेफ्टिनेंट कर्नल सोलंकी शनिवार दोपहर से लापता थे। उसके बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया था। कांगो में यूएन कार्यालय को मोनुस्को के नाम से जाना जाता है। यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के डिप्टी स्पेशल रिप्रजेंटेटिव फ्रैंकोइस ग्रिगनोन ने लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी की समर्पण भावना की तारीफ की। उन्होंने कहा कि गौरव ने संयुक्त राष्ट्र के संदेश को कांगो के पीड़ित परिवारों तक पहुंचाने का काम किया। मिशन के तहत मोनुस्को में फिलहाल 2,613 भारतीय सैनिक सेवाएं दे रहे हैं।
लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी को आगामी 16 सितंबर को भारत वापस आना था। वापस आने पर अगले कुछ दिनों में भारत में अपने रेजिमेंट में शामिल होने वाले थे। मालूम हो कि कांगो में रवांडा के साथ लगती सीमा पर एक झील है जिसका नाम 'कीवू'है, जो विश्व की 10 सबसे गहरी झीलों में से एक है। कहा जाता है कि इस झील की गहराई 400 मीटर तक है और इसके नीचे से मीथेन गैस निकलती है।
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