आइए जानते राजीव गाँधी जयंती सद्भावना दिवस के बारे में, क्या है सद्भावना दिवस ?
आइए जानते राजीव गाँधी जयंती सद्भावना दिवस के बारे में, क्या है सद्भावना दिवस ?
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हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है यह दिवस भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की जयंती की याद में मनाया जाता है। सद्भावना दिवस सभी धर्मों के लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता, शांति, और सांप्रदायिक सद्भाव को प्रोत्साहित करने के लिए सद्भावना दिवस मनाया जाता है।

राजीव गांधी भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे उस वक्त उनकी उम्र 40 वर्ष थी। सद्भावना दिवस पर राजीव गांधी की याद में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवार जन और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता वीर भूमि पर उन्हें माल्यार्पण करते हैं।  प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1984-1989 तक भारत को अपनी सेवा प्रदान की। दुर्भाग्यवश जब प्रधानमंत्री राजीव गांधी सन 1991 मई में तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदुर में चुनाव का प्रचार करने गए थे तब उनकी हत्या कर दी गई। प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक दूरदर्शी नेता थे और देश को सेवा देने में उन्होंने अपनी पूरी क्षमता लगा दी थी।  वह संघठित  और आत्मनिर्भर भारत का सपना देखते थे।

देश में लगभग सभी राज्यों में सद्भावना दिवस पर अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं का आयोजन रखा जाता है । सद्भावना दिवस हरियाली ,प्रकृति सुंदरता और पर्यावरण को बचाने के लिए भी मनाया जाता है। सद्भावना दिवस पर लोग पौधे लगाकर, हरियाली को बचाकर, पर्यावरण की सुरक्षा कर और , प्राकृतिक संसाधनों  की रक्षा करके मनाते हैं। सद्भावना दिवस पर अलग-अलग कार्यक्रम कर पुरुषों के बीच पर्यावरण संबंधित चिंताओं के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है वह इस दिन वृक्षारोपण को भी बड़ा महत्व दिया जाता है

सद्भावना दिवस भारतवर्ष में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। सद्भावना दिवस के अवसर पर सभी शासकीय कार्यालयों पर अधिकारी एवं कर्मचारियों को शपथ दिलाई गई। इस दिन देशभर के लोगों में एक प्रतिज्ञा भी ली जाती है जिस का हिंदी अर्थ इस प्रकार है-

मैं यह प्रतिज्ञा लेता हूं कि मैं जाति धर्म क्षेत्र या भाषा की परवाह किए बिना भारत के सभी लोगों के प्रति भावनात्मक एकता और सद्भाव के लिए काम करूंगा। मैं यह प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं हिंसा का सहारा लिए बिना बातचीत और संवैधानिक साधनों के माध्यम से हमारे बीच सभी मतभेदों का हल करूंगा।

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