खतरे से कम नहीं यहां की शिक्षा, जानिए क्यों हैं ऐसा ?
खतरे से कम नहीं यहां की शिक्षा, जानिए क्यों हैं ऐसा ?
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बिलासपुर:  देश में शिक्षा का ही स्तर नहीं बल्कि शिक्षण संस्थानों की हालत भी काफी जर्जर है. विद्यालयों के हालात बद से भी बदतर है. मासूम बच्चे अपनी जान जोखिम में डाल कर पढने के लिए मजबूर है. प्राथमिक शिक्षा खंड घुमारवीं-2 के तहत आने वाली प्राथमिक पाठशाला की स्थिति काफी दयनीय और भावविभोर करने वाली है. हालात यह हैं, कि यह विद्यालय कभी भी आकस्मिक रूप से पल भर में धराशायी हो सकती है. परन्तु न विभाग और न स्थानीय प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान है. बल्कि वह तो मूकदर्शक बनकर बैठा हुआ है. 

गौरतलब है कि, इस विद्यालय को वर्ष 1962 में घास और कच्ची ईटों के माध्यम से तैयार किया गया था. बाद में ग्रामीणों द्वारा कुछ हद तक इसे सुधार गया. वहीं विकास खंड झंडूता द्वारा पंचायत के माध्यम से 1994 में 2 पक्के कमरों का निर्माण किया गया. लेकिन फिर भी इसमें अनेको खामी है.

उधर, स्कूल प्रबंधन समिति की प्रधान रीना देवी के अलावा स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों राजकुमारी व जयदेव ने कहा कि, पुराने भवन की खस्ता हालत को देखते हुए उन्होंने स्कूल के कमरों की मरम्मत हेतु धन उपलब्ध करवाया है. जिसको लेकर मरम्मत का कार्य प्रगति पर है. इस बारे में प्राथमिक शिक्षा खंड अधिकारी घुमारवीं-2 राजेंद्र कुमार ने बताया कि, स्कूल का निरीक्षण करने के बाद कमरों की हालत खस्ता होने के कारण कोई बड़ा हादसा न हो इसलिए कमरों की मरम्मत के लिए धन उपलब्ध करवाया गया है अगर मरम्मत कार्य में और धन की जरूरत पड़ेगी तो और उपलब्ध करवाया जाएगा. 

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