आज के इस टेक्नीकल युग में टेक्नोलॉजी का मतलब स्मार्टफोन, टीवी या स्मार्टवॉच तक ही सीमित नहीं रहा है जबकि इसका विस्तार अब अपने अगले पड़ाव पर पहुँच गया है. टेक्नोलॉजी का ये अगला पड़ाव इंटरनेट ऑफ थिंग्स के नाम से जाना जाता है. आज हम आपको इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बारे में बताने जा रहे है साथ ही ये भी कि आखिर किस तरह यह टेक्नोलॉजी का भविष्य माना जा रहा है. दरअसल इंटरनेट ऑफ थिंग्स 'नेटवर्किंग' को कहा जाता है. इस नेटवर्किंग के तहत आपके उपयोग के सभी गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज एक-दूसरे से कनेक्ट रहते है.
जिस तरह अन्य टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी को आसान बनती है ठीक उसी तरह ये टेक्नोलॉजी भी हमारे काफी काम की है. इंटरनेट ऑफ थिंग्स के अंतर्गत आपका एक डिवाइज आपके घर, किचन आदि में मौजूद अन्य डिवाइसेज को कमांड देता है. इस तरह से एक डिवाइस को इंटरनेट के साथ लिंक कर के बाकी डिवाइसेज से अपने अनुसार काम कराया जा सकता है.
एस्ट्रम होल्डिंग लिमिटेड के सीईओ मनोज कुमार इंटरनेट ऑफ थिंग्स के ऊपर बात करते हुए खा कि "टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री का विस्तार हो रहा है और यह स्मार्ट टेक्नोलॉजी में परिवर्तित हो रहा है. इसकी शुरुआत IOT और सिक्योरिटी से हुई है. आज के समय में लोगों के लिए सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है. इसे लोगों के लिए IOT/सिक्योरिटी डिवाइसेज से आसान किया जा सकता है."
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