नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने शुक्रवार को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में 30 अक्टूबर तक आरोपों को तैयार करने के आदेश दिए हैं. अधिकारीयों ने बताया कि कुछ आरोपी अदालत में उपस्थित नहीं थे, इसलिए 30 अक्टूबर तक मामले कि सुनवाई टाल दी गई है. अदालत ने सभी रक्षा वकीलों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया कि वे सभी आरोपों को तैयार करने के लिए निर्धारित तारीख पर उपस्थित रहें.
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उल्लेखनीय है कि बॉम्बे हाईकोर्ट इस मामले में त्वरित सुनवाई करने का निर्देश पहले ही दे चुकी है, उच्च न्यायालय ने 29 अक्टूबर को लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की अपील को सुनने के लिए भी सहमति व्यक्त की है. कर्नल पुरोहित ने विशेष एनआईए अदालत द्वारा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत उनके विरुद्ध सुनवाई के लिए अभियोजन मंजूरी के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज किए जाने के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. एनआईए अदालत ने जोर देकर कहा था कि यूएपीए के तहत लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित का अभियोजन वैध है.
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आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मुस्लिम बहुसंख्यक शहर मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि छह से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. नवंबर 2008 में, आतंकवाद विरोधी दल ने विस्फोटों के सिलसिले में 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था और अप्रैल 2011 में जांच एनआईए को स्थानांतरित कर दी गई थी.
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