नई दिल्ली : संसद में प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर एनडीए के लिए सुखद समाचार सामने आया है। जिसमें यह कहा गया है कि भूमि अधिग्रहण बिल संशोधन को संसदीय समिति अंतिम रूप दे सकती है। जिससे यह बिल लोकसभा में पेश किया जा सके। इस बिल को काफी सोच विचार के बाद प्रस्तुत किया जा सकता है। माना जा रहा है कि इस बिल को लेकर शिव सेना और अन्य घटक दलों ने अपनी स्वीकृति दे ही दी है।
दरअसल इन दलों द्वारा सुझाए गए परिवर्तनों को मान लिया गया है और अब यह भी कहा जा रहा है कि यूपीए भी इस पर रज़ामंद हो गया है। जिसके बाद यह माना जा रहा है कि यह बिल अब लोकसभा के साथ राज्यसभा में भी पेश हो सकता है. हालांकि वाम दलों और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के इस बिल पर सहमत होने पर संशय है. मगर माना जा रहा है कि कांग्रेस और यूपीए के घटकों द्वारा समर्थन दे दिए जाने की बातें सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता के सुर भी कुछ बदल सकते हैं।
हो सकता है इसके एवज में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र से राज्य के विकास का कोई समझौता कर लें। हालांकि यह सब अब तक तय नहीं हो पाया है। मामले में यह बात सामने आई है कि एम वेंकैया नायडू द्वारा संसद में गतिरोध समाप्त कर सभी दलों को संसद का मानसून सत्र आगे बढ़ाने की अपील की गई थी। मामले में यह बात कही गई है कि यदि कोई सार्थक सुझाव सामने आता है तो सरकार उस पर विचार करने के लिए तैयार है।