Video: किसानों को कुचलने से पहले कैसे टूटा गाडी का शीशा ? लखीमपुर मामले में नया ट्विस्ट
Video: किसानों को कुचलने से पहले कैसे टूटा गाडी का शीशा ? लखीमपुर मामले में नया ट्विस्ट
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा का एक नया वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें अनियंत्रित गाड़ी विरोध कर रहे ‘किसानों’ के बीच से गुजरती नज़र आ रही है। वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि गाड़ी की विंडशील्ड टूटी हुई है। इसे देख ऐसा प्रतीत होता है कि इस गाड़ी पर ‘किसानों’ की भीड़ ने पत्थरों और लाठियों से हमला किया होगा। इसकी वजह से जख्मी ड्राइवर ने गाड़ी से अपना नियंत्रण खो दिया होगा और हादसा हो गया। इस वीडियो को लाइव हिंदुस्तान ने ट्विटर पर साझा किया है 

30 सेकंड के छोटे से वीडियो क्लिप को स्लो मोशन में देखने पर ‘किसान’ की भीड़ को काले झंडे पकड़े हुए रास्ते पर चलते देखा जा सकता है। पीछे से एक वाहन तेजी से आता है और प्रदर्शनकारियों को कुचल देता है। हालाँकि, वीडियो में 7 सेकंड में प्रदर्शनकारी को टक्कर मारने से पहले ध्यान से देखने पर गाड़ी की टूटी हुई विंडशील्ड दिखाई दे रही है। इससे ये थ्योरी ख़ारिज हो जाती है कि गाड़ी के किसानों को टक्कर मारने के बाद बवाल शुरू हुआ। क्योंकि अगर गाड़ी ने पहले किसानों को टक्कर मारी थी, तो उसका विंडशील्ड कैसा टूटा ? इससे पता चलता है कि प्रदर्शनकारियों ने सड़क से गुजर रही गाड़ी पर पहले पत्थरों से हमला किया था। गाड़ी पर ऐसे हमले के बाद ड्राइवर अपना नियंत्रण खो बैठा। कार के ड्राइवर को भी ‘किसानों’ की भीड़ ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। इसके साथ ही तीन अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं को भी पीट-पीट कर मार डाला।

 

बता दें कि 3 अक्टूबर को, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भाजपा कार्यकर्ताओं पर ‘किसानों’ के हमले के बाद आठ लोगों की जान चली गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों का एक बड़ा समूह गत वर्ष सितंबर में बनाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में लखीमपुर खीरी में जुटा था। उपमुख्यमंती केशव प्रसाद मौर्या का लखीमपुर खीरी का दौरा करने का कार्यक्रम था। इस दौरान प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और भाजपा के काफिले पर हमला कर दिया।

वहीं, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने माँग करते हुए कहा है कि इस मामले की निष्पक्ष जाँच हो। उन्होंने कहा कि वो हर प्रकार की जाँच का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ‘किसानों’ ने उन पर इल्जाम लगाया था कि उन्होंने गोलियाँ चलाईं जिससे कई लोग मर गए, किन्तु पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में किसी भी शख्स के गोली से मरने की बात सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि न तो वो मौके पर मौजूद थे, न ही वहाँ गोलियाँ चलीं थीं। आशीष मिश्रा ने आगे कहा कि, 'हमारे लोगों को पीट-पीट कर मार डाला गया। ज्यादातर पीड़ित भाजपा कार्यकर्ता ही थे। मैं कार्यक्रम स्थल पर ही था, घटनास्थल पर पहुँचा भी नहीं था। ये ईश्वर का आशीर्वाद था कि मैं वहाँ नहीं था, वरना मैं आज आप लोगों के बीच न होता। मेरे पिता यहाँ से सांसद हैं और ये हमारा गृह क्षेत्र है, इसीलिए यहाँ के लोग ही हमारा परिवार है। जो लोग हमें चाहते हैं, वो चाहते हैं कि मैं सक्रिय सियासत में रहूँ।'

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