महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. यहां तक कि अब नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी महिला कमांडो को तैनात किया जाने लगा है. बस्तर में महिला कमांडो को अब रोड ओपनिंग का जिम्मा सौंपा गया है, जिसके तहत यह कमांडो 8 से 10 घंटे तक सड़क निर्माण में मदद करती है और केवल आधे घंटे के लिए खाना खाने के लिए अपनी जगह से हटती हैं.
इन महिला कमांडो को घोर नक्सल प्रभावित एरिया माने जाने वाले सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में तैनात किया गया है. इन महिला जवानों को सड़कों के निर्माण में सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है. सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक यह सड़क निर्माण साइट पर अपनी ड्यूटी में ही तैनात रहती हैं. पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि रोड़ ओपनिंग के दौरान नक्सली मूवमेंट की खबर मिलते ही महिला जवान, प्पुरुष जवानों के साथ मिलकर जंगलों में जाती हैं. विशेष तकनीक और हथियारों से लैस इन महिला कमांडो ने अब तक कई छोटे ऑपरेशन को भी अंजाम दिया है, जिसमें इन्होंने नक्सलियों द्वारा सड़क उड़ाने की साजिश को नाकाम किया है.
अभी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क बनाने की. इसे देखते हुए प्रशिक्षित महिला कमांडो को रोड ओपनिंग में तैनात किया जा रहा है. कई प्रमुख सड़कों पर इन महिला कमांडो की तैनाती हो रही है. यह महिला कमांडो मुस्तैदी से सड़क निर्माण में सुरक्षा प्रदान कर रही हैं.
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