मध्यप्रदेश/भोपाल : मध्य प्रदेश में आठ साल पहले 2006 में शुरू की गई लाडली लक्ष्मी योजना ने 20 लाख बालिकाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाया हैं, यह योजना बालिका जन्म को प्रोत्साहित करने के साथ उनके जीवन को सुखद बनाने के लिए की गई है, राज्य की महिला बाल विकास मंत्री माया सिंह ने एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2006 में हुई पहली महिला पंचायत में लाडली लक्ष्मी योजना सहित 14 घोषणाएं की थी, इन घोषणाओं पर हुए अमल से महिलाएं आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से ताकतवर हुई हैं, उन्होंने कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना से राज्य को न केवल राष्ट्रव्यापी लोकप्रियता मिली, बल्कि सात राज्यों ने इसे अपनाया और प्रदेश में बालिकाओं को लेकर सोच में बदलाव आया, मंत्री ने कहा कि कि पहली महिला पंचायत में जो घोषणाएं की गई थीं, वह पूरी हो गई हैं और इनके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं। लाडली लक्ष्मी योजना से अभी तक 20 लाख बच्चियां लाभान्वित हुई हैं। इस एक योजना से बालिका के जन्म, शिक्षा और विवाह तक की एक आदर्श व्यवस्था सुनिश्चित हुई है।
महिला बाल विकास मंत्री ने आगे बताया कि महिलाओं को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला पंचायत में नगरीय निकाय और पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी। आज मध्यप्रदेश में इस घोषणा के अमल होने पर स्थानीय निकायों में 2,870 पंचायत में एक लाख 63 हजार 740 महिलाएं चुनकर आई हैं। यह सभी अपने-अपने नगर और गांवों को संवारने में सक्रिय हिस्सेदारी निभा रही हैं, उन्होंने विभागीय उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए कहा, "25 विभागों ने जेंडर बजट प्रणाली को लागू किया है। मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य है, जो विधानसभा में अलग से जेंडर बजट प्रस्तुत करता है। इसके साथ ही महिलाओं को सुरक्षा मिले, उनके विरुद्घ होने वाले अपराधों पर तत्परता से कार्रवाई हो, इसके लिए पुलिस बल में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने और महिलाओं की शिकायत के लिए प्रदेश के 141 पुलिस थाने में महिला डेस्क की स्थापना की गई। इतना ही नहीं महिलाएं निडर होकर अपने विरुद्घ होने वाले अपराधों की शिकायत कर सकें, इसके लिए राज्यस्तरीय महिला हेल्पलाइन 1090 प्रारंभ की गई है।"