भारत के प्रयासों की वजह से पूर्वी लद्दाख यानि एलएसी पर तनाव कम होता नजर आ रहा है. चीन ने सीमा पर भारत विरोध हरकत कम कर दी है. पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 पर भारत और चीन अपनी स्थिति को सुधारा है. जिसके बाद दोनों ही देशों की सेनाओं के बीच डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो गई है. आर्मी के सूत्रों के मुताबिक, चीन की सेना दो किलोमीटर पीछे चली गई है.
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कयास लगाए जा रहे है कि चीनी सेना हॉट स्प्रिंग में पैट्रोलिंग प्वाइंट 17 और 17ए से जल्द पीछे होना प्रारंभ कर देंगे. आने वाले दो से तीन दिनों के समय में सेनाएं पीछे हटने की तैयारी कर रही है. इससे पहले चीनी सेना पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 से भी करीब दो किलोमीटर पीछे हटी थी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कमांडर स्तर की बातचीत में कई प्रकार की सहमती बनी थी. जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अहम भूमिका निभाई है. उन्होने अपनी योग्यता के बल पर चीनी विदेश मंत्री से दो सेनाओं को पीछे हटाने को लेकर सहमति बना ली है. इसके तहत एलएसी पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच करीब तीन किलोमीटर का बफर जोन तैयार किया गया है. ताकि गलवन घाटी में 15--16 जून की रात को हुए खूनी संघर्ष दोबारा देखने को न मिले.चीनी सैनिकों के सुनियोजित हमले का भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसमें 16वीं बिहार रेजिमेंट के 20 सैनिकों ने वीरगति पाई थी. कई चीनी सैनिक भी इसमें मारे गए, जिनकी संख्या चीन ने अब तक नहीं बताई है.
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