सिंहस्थ कुंभ: कब ,और क्या है  शाही स्नान  और इसकी महत्वता
सिंहस्थ कुंभ: कब ,और क्या है शाही स्नान और इसकी महत्वता
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हमारे इस हिन्दू धर्म में इस महापर्व कुंभ की अत्याधिक महत्वता है. यह महापर्व हमारी सच्ची आस्था और अध्यात्म का मेला है. जो मानव को इस संसार सागर से पार लगाता है. उसके जीवन में खुशियों और संवृद्धि का भंडार भर देता है.

क्या होते है शाही स्नान -

शाही स्नान से तात्पर्य यह है की जिस दिन जीवन दायनी शक्तियों . रश्मियों , तत्वों ,का सीधा आगमन और प्रसारण आकाश मार्ग से उस भूमि में होता है जहां यह अमृत कुंभ से छलका था वैसे तो इस शक्तियों का आगमन सभी जगह होता है पर इसका विशेष असर इन स्थानों में पड़ता है तभी जो स्नान होते है वही शाही स्नान है .

कब होते शाही स्नान -

शाही स्नान मुख्य रूप से तीन से चार होते है और ये तब होते है जब सूर्य और चन्द्रमा एक ही राशी में होते है तभी इस स्नान का आयोजन होता है इस स्नान की मानव जीवन में बहुत ही महत्वता है जो उसे शारीरिक और मानसिक पवित्रता प्रदान करते है .

शाही स्नान की महत्वता -

मानव जीवन से जुड़े धर्म कर्म में एक शाही स्नान जो की अपने आप में एक बहुत ही बड़ी महत्वता रखता है मानव जीवन को मानसिक और शारीरिक पवित्रता प्रदान कर उसे इस भाव सागर से मुक्ति प्रदान करता है मानव को इस संसार सागर के आवागमन से मुक्त करता है जीवन में किये पापों से मुक्ति दिलाता है कष्टों और आई समस्याओं से मुक्ति का साधन है यह स्नान.

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