कोटकपूरा फायरिंग केस में आया नया मोड़, पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश से एसआईटी ने की पूछताछ
कोटकपूरा फायरिंग केस में आया नया मोड़, पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश से एसआईटी ने की पूछताछ
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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 2015 में फरीदकोट में कोटकपुरा पुलिस फायरिंग की घटना की जांच कर रही एसआईटी ने यहां उनके सरकारी आवास पर पूछताछ की। पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम बादल के सेक्टर 4 विधायक के फ्लैट पर पहुंची और करीब ढाई घंटे तक बैठक चली।  पंजाब सरकार ने कोटकपुरा पुलिस फायरिंग की घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एल के यादव के नेतृत्व में नई एसआईटी का गठन किया था। बादल के आवास पर एसजीपीसी प्रमुख जागीर कौर के अलावा महेशिंदर सिंह ग्रेवाल, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, दलजीत सिंह चीमा सहित वरिष्ठ अकाली नेता मौजूद थे। 93 वर्षीय बादल के पेश होने में असमर्थता जताने के बाद एसआईटी ने पूछताछ की तारीख फिर से निर्धारित की थी। बादल ने 16 जून को मोहाली के एक विश्राम गृह में पहले कहा था कि 'उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। अभी भी स्वास्थ्य ठीक नहीं है। 

आपको विस्तार से बता दें, प्रकाश बादल उस वक्त सीएम थे जब 2015 में फरीदकोट में एक धार्मिक ग्रंथ को अपवित्र करने और विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस फायरिंग की घटनाएं हुई थीं। नई एसआईटी 14 अक्टूबर 2015 को दर्ज की गई दो प्राथमिकी की जांच कर रही है। 7 अगस्त 2018 कोटकपूरा कांड के सिलसिले में। उच्च न्यायालय ने इस साल नौ अप्रैल को पंजाब पुलिस की पूर्व एसआईटी की एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। अदालत ने तब राज्य सरकार को कुंवर विजय प्रताप सिंह के बिना एक नई एसआईटी स्थापित करने का निर्देश दिया था। सिंह ने अदालत के आदेश के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और अमृतसर में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। 

हाईकोर्ट ने एसआईटी की पिछली रिपोर्ट को किया खारिज सिंह ने जवाब में आरोप लगाया कि नए एसआईटी प्रमुख एल के यादव को रातोंरात एडीजीपी के रूप में पदोन्नत कर नई एसआईटी का नेतृत्व किया गया। सरकार का एजेंडा इंसाफ देना नहीं राजनीति है। उन्होंने कहा कि कोटकपूरा गोलीकांड और बेअदबी के मामलों को आपस में मिलाने की भी कोशिश की जा रही है। मामले में अलग से जांच की जा रही है। पिछली एसआईटी ने 2018 में बादल से पूछताछ की थी। उस समय बादल ने कहा था कि एसआईटी उन्हें बदनाम करने के लिए राजनीति से प्रेरित है। नई एसआईटी पहले ही पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है।

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