कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर कोलकाता उच्च न्यायलय ने ममता बनर्जी सरकार को सभी मामलों की प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हिंसा के सभी पीड़ितों का उपचार कराने और उन्हें फ्री राशन दिए जाने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि यह राशन उन लोगों को भी दिया जाना चाहिए, जिनका कार्ड नहीं बना है।
Post poll violence in WB: Calcutta HC passes orders in the matter, orders Police to register all cases of the victims of the violence. State Govt has been directed to ensure medical treatment for all victims & ensure ration for the affected even if they don’t have ration cards. pic.twitter.com/Xb2suXjW2R
— ANI (@ANI) July 2, 2021
ममता बनर्जी सरकार के लिए हाई कोर्ट का यह आदेश बड़ा झटका माना जा रहा है। इसका कारण यह है कि ममता सरकार की तरफ से राज्य में चुनाव बाद हिंसा के आरोपों को खारिज किया जाता रहा है। ममता सरकार का कहना है कि यह भाजपा का प्रॉपेगेंडा है। मामला दर्ज किए जाने का आदेश देने के साथ ही उच्च न्यायालय ने मामलों की जांच कर रहे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम के कार्यकाल को भी बढ़ा दिया है।
अब NHRC की टीम चुनावी हिंसा के मामलों की 13 जुलाई तक छानबीन करेगी। इसी दिन इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख हाई कोर्ट ने तय की है। यही नहीं हाई कोर्ट की तरफ से राज्य के चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिया है कि वह चुनाव बाद हिंसा से संबंधित मामलों के सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखें। बता दें कि मानवाधिकार आयोग को जांच टीम गठित करने का आदेश भी हाई कोर्ट की तरफ से ही दिया गया था।
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