जानिए आखिर क्यों कोहली ने दिया धोनी को श्रेय
जानिए आखिर क्यों कोहली ने दिया धोनी को श्रेय
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टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने कप्तान बनने को लेकर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेलने के विषय पर बात की है. विराट कोहली ने बताया कि किस तरह वह टीम के कप्तान बने और उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में खेलकर किस तरह कप्तान बनने का सफर तय किया. शनिवार को विराट कोहली और टीम के स्पिन गेंदबाज आर अश्विन लाइव चैट पर बात कर रहे थे. इस दौरान विराट कोहली ने कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें कप्तानी को लेकर हुए सवाल पर विराट कोहली ने कहा कि वह 6-7 साल तक महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेले जिसके चलते ही वह आज जिम्मेदारी लेने के काबिल बने है.

कप्तान बनने के सवाल पर यह बोले विराट कोहली: विराट कोहली (Virat Kohli) ने कप्तानी को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि मुझे लगता है कि इसका बहुत बड़ा कारण यह था कि मैं लंबे समय तक महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेला, ऐसा नहीं है कि उनके जाते ही चयनकर्ताओं ने मुझे तुरंत कप्तान बना दिया हो. विराट कोहली ने आगे कहा कि जो कप्तान है वह जिम्मेदारी लेता है और यह सोचता है कि आगे कप्तान कौन होगा. मुझे कप्तानी की जिम्मेदारी देने से पहले चयनकर्ताओं ने धोनी से जरूर पूछा होगा. मुझे विश्वास है कि मेरे कप्तान बनने के पीछे धोनी की बड़ी भूमिका रही.

महेंद्र सिंह धोनी को दिया कप्तान बनने का श्रेय: विराट कोहली (Virat Kohli) ने आगे की बातचीत में कहा कि मुझे लगता है की महेंद्र सिंह धोनी की भूमिका बड़ी रही. 6-7 साल तक विश्वास बना. यह रातो-रात संभव नहीं होता. मैं हमेशा उनके साथ रहता था. उनसे बातचीत करता था. हर विषय पर चर्चा करता था. वह भी पूछते थे तुम्हें क्या लगता है, धीरे-धीरे उन्हें लगा कि मैं उनके बाद कप्तानी कर सकता हूं.

सपने में भी नहीं सोचा था कि कप्तान बनूंगा: विराट कोहली (Virat Kohli) ने बताया कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह भारतीय टीम के कप्तान बनेंगे. उन्होंने यह भी माना कि मुझे जिम्मेदारी लेना पसंद है.

पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई यह पारी यादगार: विराट कोहली (Virat Kohli) ने इस बातचीत के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई उस पारी का जिक्र किया जब उन्होंने 183 रन बनाए थे. उन्होंने कहा उनकी गेंदबाजी आक्रमण काफी ताकतवर था. उनके पास शाहिद अफरीदी, सईद अजमल, उमर गुल, एजाज चीमा और मोहम्मद हफीज जैसे गेंदबाज थे. मुझे याद है कि मैं सचिन तेंदुलकर के साथ बल्लेबाजी कर रहा था. उन्होंने 50 रन बनाए और हमने 100 रन से ज्यादा की साथ में साझेदारी की थी. वह मेरे लिए सबसे यादगार पारी थी. वह पारी मेरे लिए करियर बदल देने वाली पारी साबित हुई.

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