जानिए क्यों मनाया जाता है गोवा लिबरेशन डे
जानिए क्यों मनाया जाता है गोवा लिबरेशन डे
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19 दिसंबर की तारीख़ गोवा के इतिहास में एक स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हैं। बता दें कि आज ही का वह दिन हैं जब भारत का यह खूबसूरत राज्य गोवा आजाद हुआ था। इस इतिहास को हमारी सेना ने लिखा हैं। 19 दिसंबर, 1961 को भारतीय सेना ने गोवा, दमन और दीव को करीब 450 साल के पुर्तगाली साम्राज्य से आजाद करा दिया था। भारत तो साल 1947 में में आजाद हो गया था, लेकिन गोवा को आजादी 14 साल बाद यानी कि 1961 में मिली थी। 

बता दें कि इस ऑपरेशन को नाम दिया गया ऑपरेशन विजय जिसकी शुरुआत 18 दिसंबर 1961 को की गई और आखिरकार 19 दिसंबर को पुर्तगाली सेना ने भारतीय सेना के सामने आत्मसर्पण कर दिया। साल 1947 में देश आजाद होने के बाद गोवा की आजादी के लिए साल 1950 से ही प्रदर्शन ने जोर पकड़ लिया था, और इस दौरान 1954 में गोवा के स्वतंत्रता सेनानी दादर और नागर हवेली को आजाद कराने में कामयाब रहे थी। जबकि इस कामयाबी के बाद इस आंदोलन में तेजी आ गई। जबकि इसके बाद साल 1955 में गोवा की आजादी को लेकर 3000 से ज्यादा सत्याग्रही ने इस आंदोलन में शिरकत की। 

धीरे-धीरे इस आंदोलन ने चिंगारी का रूप ले लिया था, जिसके बाद भारत ने पुर्तगाल से अपने सभी राजनयिक संबंध खत्म कर लिए थे। वहीं इस मामले को अंतररराष्ट्रीय मंच पर भी भारत द्वारा उठाया गया लेकिन भारत की किसी भी कोशिश का कोई नतीजा सामने नहीं आया। इसके बाद भारतीय सेना ने अपना दम दिखाया और आखिरकार पुर्तगालियों को मुंह की खानी पड़ी। 

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