जानिए कौन थे नीलम संजीव रेड्डी
जानिए कौन थे नीलम संजीव रेड्डी
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नीलम संजीव रेड्डी, जिनका जन्म 19 मई, 1913 को हुआ था, एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत के छठे राष्ट्रपति थे। उन्होंने 1977 से 1982 तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। रेड्डी का जन्म भारत के आंध्र प्रदेश के वर्तमान अनंतपुर जिले के इलूर गांव में हुआ था।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: नीलम संजीव रेड्डी एक मध्यमवर्गीय कृषि परिवार से थे। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव में पूरी की और बाद में मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में उच्च शिक्षा प्राप्त की। रेड्डी ने अपने कॉलेज के दिनों में सक्रिय रूप से सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लिया।

राजनीतिक जीवन: रेड्डी ने 1930 के दशक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लड़ते हुए भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद, रेड्डी ने आंध्र प्रदेश सरकार में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिसमें मुख्यमंत्री और विधान सभा के अध्यक्ष के पद शामिल थे।

भारत के राष्ट्रपति: नीलम संजीव रेड्डी 29 वर्ष की आयु में आंध्र प्रदेश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने। बाद में, 1962 में, उन्हें संसद सदस्य (सांसद) के रूप में चुना गया और लोकसभा के अध्यक्ष (निम्न सदन) के रूप में कार्य किया। संसद) 1967 से 1969 तक। 1977 में, राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद वे भारत के राष्ट्रपति बने। वह भारत के राष्ट्रपति के रूप में निर्विरोध चुने जाने वाले पहले व्यक्ति थे।

योगदान और विरासत: अपनी अध्यक्षता के दौरान, रेड्डी ने संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने और कार्यालय की गरिमा बनाए रखने की दिशा में काम किया। उन्होंने शक्तियों के पृथक्करण और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की वकालत की। उन्होंने भारत में विविध समुदायों के बीच सद्भाव बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया।

बाद का जीवन: राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के बाद, नीलम संजीव रेड्डी ने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया। वह कई सामाजिक और शैक्षिक संगठनों से जुड़े रहे। वह अपनी सादगी, ईमानदारी और जनसेवा के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। सम्मान और मान्यता: नीलम संजीव रेड्डी को 1991 में मरणोपरांत राष्ट्र के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

नीलम संजीव रेड्डी ने भारतीय राजनीति और लोकतंत्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और राष्ट्र के लिए उनके योगदान को आज भी कई लोग याद करते हैं और उनका सम्मान करते हैं। भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का निधन 1 जून 1996 को हुआ था।

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