Video: मौत के मुंह से ऐसे बचाते हैं एयरबैग्स
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आमतौर पर आपने सुना होगा कि कार में मौजूद एयरबैग समय पर काम करते तो कार चालक को ज्यादा चोट नहीं आती लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कार में लगे यह एयरबैग काम कैसे करते है। क्यों एक्सीडेंट के वक़्त यह प्रोपर काम नहीं करते? क्या इसमें हमारी कुछ गलती होती है? आपकी सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए आज हम आपके लिए एयरबैग से जुड़ी कुछ जानकारी लेकर आए है जो कार चलाते वक़्त आपको ध्यान रखना होती है क्योंकि यहाँ सवाल आपकी जान का है।

सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि एयरबैग होते क्या है? ध्यान रहे एयरबैग कॉटन के होते हैं और इन पर सिलिकॉन की कोटिंग होती है। यह कार के स्टियरिंग व्हील, गेट, डैशबोर्ड, रूफ समेत अलग-अलग जगहों पर लगे होते हैं जो कार के दुर्घटनाग्रस्त होने के दौरान फूलते हैं और इनमें नाइट्रोजन गैस भर जाती है। कार चलाते वक़्त कोशिश करें कि 13 साल या उससे कम उम्र के बच्चे आगे की सीट पर ना बैठे क्योंकि एयरबैग खुलने पर बच्चों को गंभीर चोट आ सकती है।

वैसे एयरबैग और कार में लगे सीट बेल्ट भी एक-दूसरे से जुड़े हुए है क्योंकि एयरबैग खुलने के लिए सीट बेल्ट लगा होना जरूरी है। एयरबैग कार टकराने की स्पीड के अनुसार खुलते है। जी हाँ! टक्कर लगने पर कार का एक्सीलेरोमीटर सर्किट ऐक्टिव होता है जो इलेक्ट्रिकल करंट देता है। इसके बाद आगे लगे सेंसर से एयरबैग को सिग्नल मिलता है और एयरबैग लगभग 1/20 सेकंड में करीब 320 कि.मी प्रतिघंटा की गति से फूलता है।

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