जानिए डाइविंग से जुड़ी अहम् बातें और इतिहास
जानिए डाइविंग से जुड़ी अहम् बातें और इतिहास
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डाइविंग एक प्रमुख पानी में वाहन चलाने की क्रिया है जिसमें मनुष्य एक जलयान पर सफर करता है। डाइविंग सामान्यतः तैराकी, स्नोर्कलिंग, स्कूबा डाइविंग, समुद्री जीवन का अध्ययन और उससे जुड़ी गतिविधियों को सम्मिलित करता है। डाइविंग कई प्रकार की हो सकती है जैसे कि न्यूमेरिक डाइविंग, नाइट डाइविंग, गहराई डाइविंग, विज़ुअल डाइविंग, विडियो डाइविंग, संग्रहण डाइविंग, अंधकार डाइविंग आदि। यह एक आनंददायक और मनोहारी गतिविधि है जो जलसंपर्क में अनुभवों को खोलती है और नये दुनिया को प्रकट करती है। डाइविंग करते समय सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना आवश्यक होता है और प्रशिक्षित डाइवर्स की सलाह और मार्गदर्शन का पालन करना चाहिए।

डाइविंग का इतिहास: डाइविंग का इतिहास काफी प्राचीन है और इसका प्रमुख उद्देश्य जलीय प्राणियों और संसाधनों को अनुसंधान और पहचानने के लिए था। डाइविंग के प्रारंभिक रूपों में लोगों ने समुद्री खाद्य संग्रहण के लिए और गहराई में खराबी की सुविधा के लिए पानी में गतिशीलता का उपयोग किया।

प्राचीन इतिहास में, डाइविंग को उत्तेजना के रूप में इस्तेमाल किया गया, जैसे कि गहराई में समुद्री खजाने के लिए स्पंदन को तलाशना, मोती और हीरे जैसे मूल्यवान पत्थरों की प्राप्ति आदि। बहुत सारे प्राचीन संस्कृतियों, जैसे कि इंडस नदी सभ्यता, मिनोयन सभ्यता, ग्रीक और रोमन सभ्यता में डाइविंग का इस्तेमाल देखा जा सकता है।

आधुनिक डाइविंग का क्रांतिकारी मोड़ 20वीं शताब्दी में हुआ, जब स्नोर्कलिंग और स्कूबा डाइविंग जैसे तकनीकी उपकरण विकसित किए गए। स्नोर्कलिंग में डाइवर एक संधियों और चूँघटों वाले ट्यूब के माध्यम से नीचे तक साँस लेता है। स्कूबा डाइविंग में डाइवर को विशेष उपकरण पहनने की अनुमति होती है, जिनमें ऑक्सीजन सिलिंडर और रिसीवर शामिल हो सकते हैं।

डाइविंग आजकल एक प्रमुख पर्यटन और मनोरंजन गतिविधि बन चुकी है। इसके साथ ही वैज्ञानिक और जलीय अनुसंधान के लिए डाइविंग का उपयोग भी हो रहा है। डाइविंग करते समय सुरक्षा का पालन करना और प्रशिक्षित गाइड के साथ काम करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

डाइविंग की शुऊआत: डाइविंग की शुरुआत मानव इतिहास के बहुत पहले ही हुई थी। इसकी प्रारंभिक रूपों में लोग नदियों और सागरों में तैरने और डुबकी लगाने का आनंद लेते थे। उन्होंने इसे खाद्य संग्रह के लिए भी उपयोग में लिया, ताकि वे समुद्री जीवों को पकड़ सकें। यह सामुदायिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण था और उन्हें सामुदायिक संगठन और सहयोग का अनुभव देता था।

एक बहुत प्राचीन संस्कृति में, जैसे कि इंडस नदी सभ्यता, जल में डुबकी लगाने और पानी में नावयान का उपयोग देखा जा सकता है। इसके साथ ही, ग्रीक और रोमन सभ्यता में भी सागरीय यात्राओं और मछली पकड़ने की प्रथा पाई जाती थी।

आधुनिक डाइविंग का क्रांतिकारी मोड़ 20वीं शताब्दी में हुआ, जब तकनीकी उपकरणों का विकास हुआ। इससे पहले, लोग सामुदायिक ढाल-ढोलके, छलांगेबाजी और एक साथी के सहयोग से डाइविंग करते थे। लेकिन स्कूबा डाइविंग के आविष्कार ने डाइविंग का अनुभव पूरी तरह से बदल दिया। यह उपकरण डाइवर को पानी में और गहराई में तालाबंदी से स्वतंत्रता प्रदान करता है।

आज, डाइविंग एक प्रमुख पर्यटन गतिविधि और विज्ञान का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुकी है। इससे पानी के नीचे के समुद्री जीवन का अध्ययन किया जा सकता है, जलमग्न प्राणियों के संग्रहण किए जा सकते हैं और अनुसंधान के लिए नये जलीय जीवन की पहचान की जा सकती है।

कितने प्रकार की होती है डाइविंग: डाइविंग कई प्रकार की होती है। यहां कुछ प्रमुख डाइविंग के प्रकार हैं:

न्यूमेरिक डाइविंग: इसमें डाइवर एक स्नोर्कल और चेहरे को पानी के नीचे रखकर साँस लेता है। इसमें अधिकतर डाइविंग स्पॉट्स पर यह प्रकार प्रचलित है।

स्नोर्कलिंग: यह डाइविंग का एक रूप है जिसमें डाइवर को स्नोर्कल (ट्यूब) के माध्यम से नीचे तक साँस लेने की अनुमति होती है। यह आसान और पूर्वयोग वाले डाइवर्स के लिए उपयुक्त होती है।

स्कूबा डाइविंग: यह एक प्रशंसित और लोकप्रिय डाइविंग का प्रकार है जिसमें डाइवर एक स्कूबा एयर-बैंगल के साथ पानी में डुबकी लगाता है। यह उच्च स्तर की प्रशिक्षण और विशेष उपकरण की आवश्यकता होती है।

गहराई डाइविंग: इसमें डाइवर पानी के बहुत गहराई तक जाता है, जहां वे समुद्री जीवन को अध्ययन कर सकते हैं और खोज सकते हैं। यह प्रकार विशेष प्रशिक्षण और अनुभव का आवश्यक होता है।

जलमग्न डाइविंग: इसमें डाइवर पानी में लटकता है और जलमग्न प्राणियों को देखता है या उनके संपर्क में आता है। इसमें खास एक्सपेरियंस और संबंधित प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं, डाइविंग के विभिन्न प्रकार और तकनीकें हो सकती हैं जो विभिन्न उद्देश्यों और स्थानों के अनुसार अलग-अलग होती हैं।

डाइविंग के नियम: डाइविंग करते समय कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है। यहां कुछ डाइविंग के नियम हैं:

प्रशिक्षित बनें: डाइविंग करने से पहले एक प्रशिक्षित डाइवर बनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक प्रशिक्षित गाइड के साथ प्रशिक्षण लें और सुरक्षा तकनीकों को समझें।

सुरक्षा उपकरण पहनें: सुरक्षा उपकरणों जैसे कि स्कूबा डाइविंग मास्क, स्नोर्कल, बूय, डाइविंग फिन्स, वेट बेल्ट, डाइविंग सूट, ऑक्सीजन सिलिंडर इत्यादि का उपयोग करें।

साथी के साथ डाइविंग करें: कभी भी अकेले डाइविंग न करें। हमेशा साथी के साथ डाइविंग करें, ताकि एक दूसरे की सुरक्षा कर सकें।

गहराई और समय की सीमा का पालन करें: डाइविंग करते समय गहराई की सीमा और समय की सीमा का पालन करें। अपनी पाठशाला और प्रशिक्षक की दिशा में रहें और सुरक्षा के नियमों का पालन करें।

समुद्री जीवन का सम्मान करें: समुद्री जीवन को हानि न पहुंचाएं और उनका सम्मान करें। डाइविंग करते समय उन्हें छूने, पकड़ने या किसी तरह से परेशान करने से बचें।

सुरक्षित रहें: सुरक्षित डाइविंग के लिए गहराई, सतही और समय की सीमाओं का पालन करें। डाइविंग पहले से योग्यता और स्वास्थ्य की जांच कराएं और डाइविंग संबंधी निर्देशों का पालन करें।

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