जानिए भगवान विष्णु के सांपो के बिस्तर पर सोने का अर्थ
जानिए भगवान विष्णु के सांपो के बिस्तर पर सोने का अर्थ
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भगवान विष्णु ने धरती पर कई अवतार लिए हैं भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ है परन्तु शेषनाग भी भगवान विष्णु के प्रत्येक अवतार उनके साथ ही जुड़ा हुआ है. 

आइये जानते है क्यों भगवान विष्णु सोते है सांपो के बिस्तर पर -

जब संसार में पाप बहुत अधिक बढ़ गए थे तब भगवान विष्णु ने विश्व का उद्धार किया था. शेषनाग 'अनंत' अर्थात जिसकी कोई सीमा नहीं, का प्रतीक है. भगवान विष्णु उपयुक्त समय पर मानव जाति का मार्ग दर्शन करते हैं. यही कारण है कि उन्हें साँपों के बिस्तर पर लेटा हुआ दिखाया जाता है.

हर बार संसार को बचाने के लिए भगवान विष्णु के कई रूपों और आकारों में जन्म लिया है. हिन्दू धर्म के अनुसार शेषनाग भगवान विष्णु की उर्जा का प्रतीक हैं जिस पर वे आराम करते हैं.ऐसा माना जाता है कि शेषनाग ने अपनी कुंडली में सभी ग्रहों को पकड़ के रखा है और वे भगवान विष्णु के मन्त्रों का उच्चारण करते हैं. यदि भगवान विष्णु संपूर्ण ब्रह्मांड, ग्रहों और तारों के प्रतीक हैं तो वास्तव में यह महत्व जायज़ है.

शेषनाग भगवान विष्णु को केवल आराम करने के लिए जगह ही नहीं देते बल्कि वे उनके रक्षक भी हैं. भगवान कृष्ण के जन्म के समय जब कृष्ण भगवान के पिता वासुदेव उन्हें नंद के घर ले जा रहे थे तब शेषनाग ने ही तूफ़ान से भगवान कृष्ण की रक्षा की थी. तो निश्चित रूप से वे एक रक्षक हैं. 

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