CDS रावत को क्यों दी गई 17 तोपों की सलामी, जानिए इस परंपरा और प्रोटोकॉल के बारे में सबकुछ
CDS रावत को क्यों दी गई 17 तोपों की सलामी, जानिए इस परंपरा और प्रोटोकॉल के बारे में सबकुछ
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में बरार स्क्वायर पर शुक्रवार का दिन आम दिनों से बिल्कुल अलग था. देश के प्रथम CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका को नम आंखों से विदाई दी गई. दोनों बेटियों ने पूरे रीति-रिवाज से अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार किया. CDS और उनकी पत्नी की पार्थिव देह एक ही चिता में रखी गई. बड़ी बेटी कृतिका ने मुखाग्नि दी. इस दौरान CDS को इंडियन आर्मी के बैंड की धुन के साथ 17 तोपों की सलामी दी गई. किन्तु कई लोगों के मन में ये सवाल है कि उन्हें 21 तोपों की सलामी देकर अंतिम विदाई क्‍यों नहीं दी गई. तो आइए जानते हैं, इस संबंध में प्रोटोकॉल क्या कहता है.

दरअसल, तोपें दागकर सलामी देना सेना में किसी अफसर के लिए सम्‍मान दर्शाने का एक तरीका है. कई अवसरों पर तोपों की सलामी दी जाती है. भारत जैसे देशों में यह प्रचलन ब्रिटिश शासन से आया है. आज़ादी से पहले 101 तोपों की सलामी दी जाती थी, 101 तोपों की सलामी सिर्फ भारत के सम्राट (ब्रिटिश क्राउन) को ही दी जाती थी.  उस वक़्त 31 तोपों की सलामी या शाही सलामी का भी चलन था. यह शाही परिवार के लोगों के लिए दी जाती थी. वायसराय और गवर्नर-जनरल ऑफ इंडिया को भी 31 तोपों की सलामी दी जाती थी. ब्रिटिश राज के दौरान 21 तोपों की सलामी राष्‍ट्राध्‍यक्षों को दी जाती थी. उस समय भी 19 तोपों, 17 तोपों की सलामी देने का चलन था. आज़ादी के बाद भारत ने ब्रिटिशों की यह परंपरा जारी रखी. हालांकि तोपों की संख्या घटा दी गई.

चूंकि राष्‍ट्रपति भारतीय गणतंत्र के मुखिया होते हैं, इसलिए उन्‍हें विभिन्‍न मौकों पर 21 तोपों की सलामी दी जाती है. नए राष्‍ट्रपति को शपथ ग्रहण करने के बाद भी 21 तोपों की सलामी दी जाती है. स्‍वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्‍ट्रध्‍वज और राष्‍ट्रपति दोनों को 21 तोपों की सलामी देने का चलन है. जब भी किसी देश के राष्‍ट्राध्‍यक्ष भारत आते हैं, तो राष्‍ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्‍वागत होता है और उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है. किसी विदेशी सरकार के मुखिया को 19 तोपों की सलामी देने का चलन है.

वहीं, जैसे-जैसे रैंक घटती जाती है, तोपों की तादाद भी कम हो जाती है. CDS इस क्रम में तीसरे स्थान पर आते हैं. सेना के तीनों हिस्सों के प्रमुखों को 17 तोपों की सलामी दी जाती है, CDS का पद भी सेनाध्यक्ष के बराबर होता है, यही कारण है कि CDS बिपिन रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई. 17 तोपों की सलामी देकर सेना ने अपने सर्वोच्च सेनापति को अंतिम सैल्यूट दिया. जो कि सेना के प्रोटोकॉल का ही एक अंग है.

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