पप्पू जी की नौकरी छूट गयी, उन्होंने काफी कोशिश की उन्हें कोई भी नौकरी नहीं मिली।
पप्पू जी ने अगले ही दिन एक छोटा सा क्लिनिक खोल लिया।
क्लिनिक के बाहर उन्होंने एक बोर्ड लगवाया।
बोर्ड पर लिखा था –
500 रूपये में किसी भी बीमारी का इलाज कराये।
इलाज ना होने पर हम आपको ईनाम में 5000 रूपये देंगे।
पड़ोस में रहने वाले शर्मा जी को पता था, पप्पू जी के पास कोई डिग्री नहीं हैं, उन्होंने सोचा –
पैसा कमाने का यह सबसे अच्छा मौका हैं।
शर्मा जी पप्पू जी के क्लिनिक में गये और उनसे जाकर बोला –
मैं कुछ भी खाता हुँ, तो मुझे किसी भी चीज का स्वाद पता नहीं चलता।
पप्पू जी बोले –
नर्स इन्हे 5 नंबर बॉक्स में रखी दवाई की 2 बूँद पिलाओ।
शर्मा जी बोले –
अरे ये तो मिटटी का तेल हैं।
पप्पू जी बोले – लाओ 500 रूपये, आपको टेस्ट आने लगा।
शर्मा जी को बहुत गुस्सा आया।
शर्मा जी कुछ दिनों बाद फिर पप्पू जी के क्लिनिक गये और बोले –
मुझे कुछ भी याद नहीं रहता, मेरी याददाश्त कमजोर हो गई हैं।
नर्स इन्हे 5 नंबर बॉक्स में रखी दवाई की 2 बूँद पिलाओ।
पप्पू जी बोले –
लेकिन ये दवाई तो आपने पहले भी मुझे दी थी।
पप्पू जी बोले –
लाओ 500 रूपये, आपकी याददाश्त वापिस आ गई। अब आपको सबकुछ याद रहेगा।
शर्मा जी को अब बहुत तेज गुस्सा आया, उन्होंने मन ही मन उन्हें खूब गाली दी।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, वो फिर एक बार अपने पैसे वसूलने पप्पू जी के क्लिनिक पहुंच गये, और बोले –
मुझे कल से कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा, मुझे लगता हैं, मेरी आँखे कमजोर हो गई हैं।
पप्पू जी बोले –
सर इस बीमारी का इलाज अभी हमारे पास नहीं हैं, आप किसी दूसरे डॉक्टर को दिखा ले।
आप ये 1000 रूपये रखिये।
शर्मा जी बोले –
लेकिन ये तो 500 रूपये हैं।
पप्पू जी बोले –
सर आपकी आँखे सही हो गयी, लाइये 500 रूपये।