नई दिल्ली : पाकिस्तान की जेल में अंतिम सांस लेने वाले किरपाल सिंह का बुधवार को उनके पैतृक आवास मुस्तफाबाद में अंतिम संस्कार किया जाएगा। 55 वर्षीय किरपाल सिंह का शव मंगलवार को वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लाया गया। पाकिस्तान के कोट लखपत जेल में 11 अप्रैल को किरपाल सिंह की संदिग्ध हालत में मौत हुई थी।
पाकिस्तान का कहना है कि इसमें कोई साजिश नहीं है। सीने में दर्द के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। वो पिछले 25 सालों से पाक जेल में बंद थे। उनका शव जब भारत पहुंचा, तो उनके भतीजे ने शव का देबारा पोस्टमार्टम करवाने की बात कही। इसके बाद अमृतसर में किरपाल का दोबारका पोस्टमार्टम कराया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि शरीर में किसी प्रकार का अंदरुनी चोट नहीं है, लेकिन शरीर से कई अंग गायब है, जिन्हें जांच के लिए निकाला गया हो सकता है। किरपाल पर जासूसी का आरोप था। 1993 में वो वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान में घुस गए थे, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
बाद में उन्हें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई। बाद में लाहौर कोर्ट ने फांसी की सजा से किरपाल को मुक्त कर दिया, लेकिन किसी अज्ञात कारणों से उन्हें जेल में ही रखा गया। उनकी बहन ने कहा कि वितीय हालातों के कारण परिवार ने कोई आवाज नहीं उठाई औऱ न ही कोई नेता इसके लिए आगे आया।