इशरत मामले में गृहमंत्रालय ने दिया लश्कर का साथ
इशरत मामले में गृहमंत्रालय ने दिया लश्कर का साथ
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नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू के बयान के चलते विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। दरअसल इशरत जहां के फर्जी मुठभेड़ मसले पर एक नया विवाद निर्मित हो गया है। जिसमें उन्होंने तत्कालीन यूपीए सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम के नेतृत्व वाले गृहमंत्रालय पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ चलने का आरोप भी लगाया गया। कांग्रेस ने इस तरह के आरोप का विरोध किया और कहा कि मंत्री को हटाए जाने की मांग भी की गई है।

दरअसल यह बात केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने इशरत जहां मसले पर किए गए सवाल को लेकर कही। वे एक मीडिया संस्थान को साक्षात्कार दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सीबीआई के एक विशेष अधिकारी को जांच का प्रभारी बना दिया गया। इस तरह से संगठन ने अपना बयान परिवर्तित कर दिया। मालेगांव विस्फोट की जांच को लेकर गृहमंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2008 में विस्फोट की जांच के नाम पर कांग्रेस नाटक करने में लगी थी। उनका कहना था कि कांग्रेस जो कदम उठा रही थी उसके पीछे सांप्रदायिक विभाजन की रणनीति को बेहद सोचा - समझा माना जा रहा था।

दरअसल उनसे इशरत जहां और मालेगांव ब्लास्ट में क्लिन चिट पाने वाली साध्वी प्रज्ञा दोनों को ही लेकर कई सवाल किए गए। जिसका उत्तर उन्होंने सांप्रदायिक विभाजन की संभावना की बात कर दिया। उनका कहना था कि उसकी भूमिका केवल मुकदमे को आगे बढ़ाना नहीं थी। उन्होंने जनता के सामने सही तथ्यों को लाने की बात भी कही। दरअसल उनका कहना था कि आखिर जनता के सामने तथ्यों को सही तरह से रखना जरूरी है।

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