जन्मदिन विशेष: आईपीएस अफसर से राज्यपाल तक, ऐसा रहा किरण बेदी का सफर
जन्मदिन विशेष: आईपीएस अफसर से राज्यपाल तक, ऐसा रहा किरण बेदी का सफर
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पूर्व आईपीएस अफसर से भाजपा नेता बनीं किरण बेदी का आज जन्मदिन है। डॉ॰ किरण बेदी, भारतीय पुलिस सेवा की प्रथम वरिष्ठ महिला अधिकारी हैं। उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी कार्य-कुशलता का परिचय दिया है. वे संयुक्त आयुक्त पुलिस प्रशिक्षण तथा दिल्ली पुलिस स्पेशल आयुक्त (खुफिया) के पद पर कार्य कर चुकी हैं. फिलहाल वह पुडुचेरी की राज्यपाल है. उन्हें वर्ष 2002 के लिए भारत की "सबसे प्रशंसित महिला" चुना गया. द ट्रिब्यून के पाठकों ने उन्हें ‘वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला’ चुना.

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस प्रमुख रहते हुए किरण बेदी ने जिस साहसिक तरीके से अपने काम को अंजाम दिया, उससे उन्हें 'क्रेन बेदी' का उपनाम भी मिला। उन्होंने अपने मातहत काम करने वालों को सख्त निर्देश दे रखा था कि गलत जगह गाड़ियां खड़ी होने पर उसे फौरन उठवा लिया जाए, चाहे गाड़ी का मालिक कितनी भी बड़ी शख्स‍ियत क्यों न हो। हालाँकि किरण बेदी का विवादों से भी गहरा नाता रहा है। 1995 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना ने किरण बेदी पर दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद बिकिनी किलर चा‌र्ल्स शोभराज को वीआईपी ट्रीटमेंट देने का आरोप लगाया। बेदी उस समय जेल सुपरिटेंडेंट थीं। बेदी ने हमेशा इस मामले पर चुप्पी साधे रखी।

शुरूआती जीवन-

डॉ॰ बेदी का जन्म 9 जून सन् 1949 को पंजाब के अमृतसर शहर में हुआ. वे श्रीमती प्रेमलता तथा श्री प्रकाश लाल पेशावरिया की चार पुत्रियों में से दूसरी पुत्री हैं. जुलाई 1972 में, वह भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हो गई थी. उन्होंने ईमानदारी से ड्यूटी करते हुए समाज को नई दिशा दिखाने का प्रयास किया. 27 नवबंर 2007 में उन्होंने स्वेच्छा से रियाटरमेंट लेने के बाद किरण बेदी समाज सेवा में जुट गई. लोकपाल बिल को लेकर शुरू किये गये आंदोलन में उन्होंने समाज सेवक अन्ना हजारे व अरविंद केजरीवाल के साथ धरने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया.

सम्मान एवं पुरस्कार-

उनके मानवीय एवं निडर दृष्टिकोण ने पुलिस कार्यप्रणाली एवं जेल सुधारों के लिए अनेक आधुनिक आयाम जुटाने में महत्वपूर्ण योगदान किया है. निःस्वार्थ कर्त्तव्यपरायणता के लिए उन्हें शौर्य पुरस्कार मिलने के अलावा अनेक कार्यों को सारी दुनिया में मान्यता मिली है जिसके परिणामस्वरूप एशिया का नोबल पुरस्कार कहा जाने वाला रमन मैगसेसे पुरस्कार से उन्हें नवाजा गया. इसके अलावा उन्हें जर्मन फाउंडे्शन का जोसफ ब्यूज पुरस्कार, नार्वे के संगठन इंटशनेशनल ऑर्गेनाजेशन ऑफ गुड टेम्पलर्स का ड्रग प्रिवेंशन एवं कंट्रोल के लिए दिया जाने वाला एशिया रीजन एवार्ड जून 2001 में प्राप्त अमेरीकी मॉरीसन-टॉम निटकॉक पुरस्कार तथा इटली का ‘वूमन ऑफ द इयर 2002’ पुरस्कार से उन्हें नवाज़ा गया.

 

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