हर साल लगने वाला खरमास इस बार खरमास (मलमास) 14 दिसंबर से शुरू हो रहा है। जी हाँ, और यह 14 जनवरी 2022 को समाप्त होगा। वहीं पंचांग में मतभेद के चलते यह 15 दिसंबर से शुरू होकर 15 जनवरी तक रहने वाला है। आपको बता दें कि इस दौरान विवाह, सगाई, यज्ञ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होंगे। इसके अलावा नया घर या वाहन आदि खरीदना भी वर्जित हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं खरमास की पौराणिक कथा।
खरमास की पौराणिक कथा- पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सूर्यदेव अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं। सूर्यदेव को कहीं रुकने की अनुमति नहीं है, लेकिन रथ से जुड़े घोड़े लगातार दौड़ने और आराम न करने के कारण थक जाते हैं। घोड़ों की ऐसी हालत देखकर एक बार सूरज देवता का मन द्रवित हो गया। जिसके बाद वे घोड़ों को तालाब किनारे ले गए। उन्हें यह आभास हुआ कि रथ रुक गया तो अनहोनी हो जाएगी। तब सूर्यदेव ने घोड़ों को पानी पीने और आराम करने के लिए वहीं छोड़ दिया। वह रथ में गधों को जोड़ा। गधों को सूरज देवता का रथ खींचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान रथ की गति धीमी हो जाती है। सूर्य देव एक माह में चक्र पूरा करते हैं। इस बीच घोड़ों ने भी आराम कर लिया। इसके बाद सूर्य का रथ पुनः अपनी गति में लौट आता है। इस तरह यह सिलसिला हर वर्ष जारी जारी रहता है।
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