हिसार : खाप पंचायते अकसर अपने तुगलकी फरमान के चलते चर्चा में रहती है. पंचायत का एक चौकाने वाला फरमान सामने आया है. पंचायत के आदेश के अनुसार युवक को पंचायत के सामने पत्नी को बहन मानकर उसे 10 रूपए का शगुन देना पड़ेगा. वैसे तो खाप पंचायत अपने अजीब फरमानों के लिए जानी जाती है लेकिन ये फरमान खाप ने नहीं बल्कि कौशिक गोत्र की पंचायत ने सुनाया है. पंचायत के इस फरमान ने परिवार को परेशानी में डाल दिया है
पंचायत के इस तुगलकी फरमान से परेशान होकर पीडि़त दंपती ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग की है. पूनम पंचायत के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची. पूनम करनाल के तरावड़ी कस्बे की निवासी है. उसने जानकारी दी कि छह माह पूर्व उसका विवाह जींद जिले के कोयल गांव निवासी प्रवीन कुमार के साथ हुआ था.
पूनम ने बताया कि दोनों का विवाह पारिवारिक सदस्यों की सहमति से हिंदू धर्म के अनुसार सम्पन्न हुआ था. उसका गोत्र कौशिक पटवालिया है जबकि पति का गोत्र कौशिक फेटवाडिया है. समुदाय ने एक पंचायत बुलाकर ससुर को आदेश दिया कि दोनों गोत्र में विवाह नहीं हो सकता. इसलिए दोनों को अलग-अलग कर पति-पत्नी का रिश्ता ख़त्म कर भाई-बहन का रिश्ता अपना लेना चाहिए.
जब ससुर ने उनकी बात नहीं मानी तो हर दूसरे दिन पंचायत उसके पति व ससुर को सबके सामने बुरा भला कहने लगे. पंचायत ने पूनम और प्रवीण को पंचायत में आने का आदेश दिया और कहा कि प्रवीण अपनी पत्नी को बहन मानकर उसे भाई के नाते शगुन में दस रूपये दे. पूनम और प्रवीण कि शादी को 6 महीने हो गए है और दोनों हसी खुसी अपना जीवन जी रहे थे.