केरल हाई कोर्ट ने 10 साल घटाई नाबालिग का बलात्कार करने वाले कैथोलिक पादरी की सजा
केरल हाई कोर्ट ने 10 साल घटाई नाबालिग का बलात्कार करने वाले कैथोलिक पादरी की सजा
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कोच्ची: केरल के कोट्टियूर रेप केस में बड़ा फैसला देते हुए कोर्ट ने दोषी पूर्व कैथोलिक पादरी रॉबिन वडक्कमचेरी की सजा को कम करते हुए 10 साल कर दिया है. इससे पहले अदालत ने दोषी पादरी को 20 साल कैद की सजा सुनाई थी. साथ ही कोर्ट ने जुर्माने की राशि को भी घटाकर 3 लाख से 1 लाख कर दिया है. केरल उच्च न्यायालय ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में पूर्व कैथोलिक पादरी रॉबिन वडक्कुमचेरी की जेल की सजा को धारा 376 (2) से धारा 376 (1) में बदलकर 20 वर्ष से 10 वर्ष कैद कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने जुर्माने को भी 3 लाख रुपये से कम करते हुए 1 लाख रुपये कर दिया.

बता दें कि केरल के कोट्टियूर रेप केस की पीड़िता द्वारा दाखिल किए गए एक आवेदन पर अगस्त, 2021 में सर्वोच्च न्यायालय ने विचार करने से इनकार कर दिया था. इस आवेदन में पीड़िता ने दोषी पूर्व कैथोलिक पादरी रॉबिन वडक्कमचेरी से विवाह करने की इच्छा जताई थी. इस दौरान अदालत ने पादरी रॉबिन वडक्कुमचेरी की उस याचिका को भी ठुकरा दिया था, जिसमें उसने पीड़िता से शादी करने के बाद सजा को खत्म करने की मांग की थी. हालांकि, दुष्कर्म पीड़िता ने भी पादरी की याचिका का समर्थन किया था, जिसमें उसने बलात्कारी की सजा माफ करने की मांग की थी. पीड़िता का कहना था कि वह सामाजिक कलंक से बचने और यौन अपराध से जन्मे बच्चे को कानूनी वैधता देने के लिए पादरी से विवाह करना चाहती है.

सर्वोच्च न्यायालय में जज विनीत सरन और जज दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने सब कुछ नोट करने के बाद जानबूझकर इस मामले में सख्त टिप्पणी की है. बेंच ने कहा कि, ‘हमें दखल देने का कोई कारण नहीं दिखता.’ इससे पहले, वडक्कमचेरी ने पीड़िता से शादी करने की मांग वाली याचिका के साथ केरल हाई कोर्ट का रुख किया था, किन्तु इसे ठुकरा दिया गया था. इसके बाद पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और यहां से भी उसे निराशा हाथ लगी थी.

दलीलें सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने पक्षकारों से मामले में केरल उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा था. फरवरी 2019 में, एक कोर्ट ने वडक्कमचेरी को एक नाबालिग के साथ बलात्कार करने और गर्भवती करने का दोषी पाया और उसे 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद, चर्च ने उन्हें पुरोहित पद से बर्खास्त करने के निर्देश दिए और आखिरकार 2020 में उन्हें पद से हटा दिया गया. हालांकि, अब बलात्कारी पादरी की सजा कम कर दी गई है। 

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