तिरुवनंतपुरम : बार घोटाले में फंसे केरल के वित्तमंत्री के. एम. मणि ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। अपने सरकारी आवास पर 82 वर्षीय मणि ने पत्रकारों से कहा कि राज्य का वित्तमंत्री होने के नाते "मुझे कानून का सम्मान करना होगा, इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं"। सर्विधिक समय तक संसद सदस्य रहे मणि ने कहा, "मैंने मुख्यमंत्री ओमन चांडी को अपने इस्तीफे के बारे में सूचित कर दिया है। एक विशेष संदेशवाहक के जरिए मैंने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया है।"
उन्होंने कहा, "मैं इस अवसर पर मुख्यमंत्री और उन सभी मंत्रियों का जिन्होंने मेरा समर्थन दिया है, आभार व्यक्त करता हूं।" मणि के खिलाफ यह मामला पिछले वर्ष अक्टूबर में तब दर्ज हुआ, जब बार मालिक बीजू रमेश ने खुलासा किया कि केरल के बार मालिकों ने बंद पड़े 418 मदिरालयों को फिर से शुरू करने के लिए मणि को एक करोड़ रुपये रिश्वत दी थी। नेता प्रतिपक्ष वी. एस. अच्युतानंदन की सतर्कता आयोग के निदेशक को लिखी चिट्ठी के बाद केरल सरकार ने सतर्कता आयोग को मणि के खिलाफ जांच का आदेश दिया।
जल्द ही जांच एजेंसी ने मणि के खिलाफ सबूत पा लिए और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। सात महीने की जांच के बाद सतर्कता आयोग ने मणि के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं पाया और सतर्कता आयोग की अदालत में मामला बंद करने की रिपोर्ट दे दी। अदालत इससे पहले मणि को क्लीन चिट दिए जाने को ठुकरा चुकी थी और मणि के खिलाफ आगे की जांच के आदेश दे दिए, जिसे उच्च न्यायालय ने सोमवार को कायम रखा। इससे पहले राजधानी दिल्ली में मंगलवार को कांग्रेस ने मणि को तत्काल हटाए जाने की संभावाओं को खारिज कर दिया।
केरल उच्च न्यायालय द्वारा मणि के खिलाफ जांच आगे जारी रखे जाने का फैसला आने के बाद भी मणि ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था।