त्रिशूल-लाठी लेकर नहीं चल सकेंगे कावड़यात्री
त्रिशूल-लाठी लेकर नहीं चल सकेंगे कावड़यात्री
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देहरादून : जुलाई माह शुरू होने के ही साथ श्रद्धालुओं को प्रतिवर्ष आने वाले श्रावण मास का इंतज़ार होने लगता हैं, बड़े पैमाने पर शिवालयों और शिवनगरियों में श्रावण के पूजन की तैयारियां होने लगती हैं। इस दौरान कहीं प्रशासन तैयारियों में जुट जाता है तो कहीं श्रद्धालु अपनी कावड़ यात्राओं की तैयारियां करने लगते हैं। हाल ही में देहरादून में दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने बैठक लेकर निर्णय लिया कि इस बार कावड़ यात्रा में कावडि़यों को तेज़ आवाज़ में म्यूजि़क बजाने से रोका जाएगा यही नहीं अब वे अपने साथ लाठी, त्रिशूल, हाॅकी जैसी सामग्री प्रयोग में नहीं ला पाऐंगे।

उल्लेखनीय है कि लाठी, त्रिशूल, हाॅकी को हथियारों के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यही नहीं भीड़भरे क्षेत्रों में नृत्य, श्रद्धालुओं के झूमने, उत्साहित होने पर त्रिशूल आसपास मौजूद लोगों को लगने की संभावना भी रहती है। ऐसे में प्रशासन द्वारा व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए इन सभी का प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। यही नहीं मामले में कहा गया है कि तेज आवाज में म्यूजि़क बजाने से ध्वनिप्रदूषण भी होता है। जिसके कारण कई लोगों को परेशानी होती है। मामले में कुछ पुलिस अधिकारियों ने डीजी और अन्य आधुनिक साउंड सिस्टम का उपयोग न किए जाने की सलाह भी दी।

मिली जानकारी के अनुसार सभी राज्यों के पुलिस अधिकारियों द्वारा बैठक में इस तरह का निर्णय लिया गया जिससे श्रद्धालुओं को मुश्किल न हो। मामले में यह निर्णय भी लिया गया कि दुपहिया वाहन पर सवार कावड़यात्री को हेलमेट पहनना होगी। साथ ही उन्हें यातायात के नियमों का पालन भी करना होगा। कावडि़ए जत्थे में पर्यटन स्थलों पर नहीं जा सकेंगे। 

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