धारा 370: सरकार के फैसले पर ये कैसा जश्न, ना बेटी की इज्जत ना बहु का मान
धारा 370: सरकार के फैसले पर ये कैसा जश्न, ना बेटी की इज्जत ना बहु का मान
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केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 को लेकर बड़ा फैसला सुना दिया है। सरकार के इस फैसले पर खुश होना लाजमी है, क्योंकि एक आम भारतीय को अब वहां वे सारे अधिकार मिलेंगे, जिनसे अब तो उसे मरहूम रखा गया था। लेकिन ख़ुशी जाहिर करने और फूहड़ता में काफी अंतर होता है। अभी सरकार के इस फैसले को सामने आए 24 घंटे से कुछ अधिक समय ही बीता है, लेकिन कुछ बेशर्म लोग इसका जश्न इस तरह से मना रहे हैं, जिसमे वो किसी की बहन-बेटी की इज्जत उछालने से भी नहीं चूक रहे। पिछले 24 घंटों में सोशल मीडिया पर ऐसे मिम्स की बाढ़ आई हुई है, जिसमे कश्मीरी महिलाओं को इस तरह पेश किया जा रहा है, जैसे धारा 370 हटने से कश्मीरी महिलाएं उनकी जागीर हो जाएंगी। 

इस तरह की पोस्ट्स शेयर करने वालों में वो लोग भी शामिल हैं, जो कभी 1990 में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार, उनकी पत्नी-बेटियों के साथ हुए वीभत्स बलात्कार की निंदा करते नहीं थकते थे। लेकिन अब शायद वो लोग भूल रहे हैं कि अब अपनी ख़ुशी जताने की आड़ में जो काम वो कर रहे हैं, उसे मानवता के किसी भी पैमाने पर उचित नहीं ठहराया जा सकता। आखिर क्या वजह है कि 370 हटने की बात सुनते ही आपके जेहन में सिर्फ कश्मीरी बालाओं की छवि घूमने लगी। क्यों आपको वहां की बेरोज़गारी, पिछड़ापन, आतंक, दहशत नहीं दिखाई दी, या फिर बरसों से आपके मन में छिपी बलात्कारी कुंठा अचानक कश्मीरी युवतियों का लावण्य देखकर बाहर आने को मचलने लगी। 

अब भी वक़्त है, अगर आज भी हमने अपनी घटिया मानसिकता को दफ़न नहीं किया, तो यही विष हमारी संस्कृति और नस्लों में फैलते हुए हमें पतन के उस गर्त में ले जाएगा, जहाँ हमारे पास रोने-पछताने और छाती पीटने के अलावा कुछ नहीं बचेगा।

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