नई दिल्ली : जम्मू - कश्मीर राज्य से वर्षों पूर्व विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों को लेकर आज देश की राजधानी गूंज उठी। लोग दिल्ली के जंतर - मंतर पर भरी दोपहरी में काली पट्टियां बांधकर और हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने कश्मीरी पंडितों को फिर से बसाने और उनके लिए टाउनशिप विकसित किए जाने की मांग की।
अपने प्रांत कश्मीर की आबोहवा, कश्मीर के सेब और वहां के मंदिर आखिरकार कश्मीरी पंडितों को फिर याद हो आए। आज इन पंडितों ने कश्मीर में अपने पुर्नवास को घरवापसी का नाम देकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कश्मीरी पंडितों ने मांग की कि 1989 से 1990 तक कश्मीर घाटी से हटाए जाने का हम विरोध करते हैं। जम्मू कश्मीर की राज्य सरकार को किसी भी तरह का निर्णय लेने के पहले कश्मीरी पंडितों से इस मसले पर सलाह जरूर ले लेना चाहिए।
कश्मीरी पंडितों ने कहा कि प्रदेश सरकार किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले इस समुदाय से सलाह जरूर ले सकता था। उन्होंने मांग की कि घाटी से हटाए जाने के दौरान कश्मीरी पंडितों की जिस तरह से हत्याऐं की गई। उन्हें फिर से सामने रखा जाए और दोषियों को सजा दी जाए। यही नहीं मामले में एक जांच आयोग का गठन करने और निष्पक्ष जांच की मांग भी की गई।
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