सर्जिकल ब्लेड और सायनाइड लेकर डासना मंदिर में घुसे काशिफ और विपुल, यति नरसिंहानंद की हत्या की साजिश
सर्जिकल ब्लेड और सायनाइड लेकर डासना मंदिर में घुसे काशिफ और विपुल, यति नरसिंहानंद की हत्या की साजिश
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लखनऊ: बीते 20 दिनों में दूसरी दफा ऐसा हुआ है, जब गाजियाबाद के डासना स्थित शिव-शक्ति पीठ के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की कोशिश की गई है। बुधवार (जून 2, 2021) को दो संदिग्ध युवक मंदिर परिसर में घुस आए। सेवादारों को जब संदेह हुआ तो उन्होंने इन दोनों की तलाशी ली। इनके पास से तीन सर्जिकल ब्लेड व कुछ आपत्तिजनक दवाएँ मिली हैं। महंत के अनुयायियों ने बताया कि ये एक घातक ड्रग ‘सायनाइड’ है। बता दें कि किसी व्यक्ति को Cyanide दे दिया जाए तो ये ड्रग शरीर को ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने से रोक देता है, जिससे दिल और दिमाग भी काम करना बंद कर देते हैं। इससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

दोनों संदिग्धों को पकड़ कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। दोनों ने मंदिर में घुसते वक़्त खुद को हिन्दू बताया था, किन्तु पुलिस ने उनमें से एक की पहचान काशिफ़ के रूप में की है। दोनों से पूछताछ जारी है। महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने इस घटना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया है कि मंदिर में पुलिस की ओर से एक गार्ड की तैनाती रहती है। दोनों युवक रात के करीब 9 बजे मंदिर परिसर में घुसे। महंत नरसिंहानंद ने आगे बताया कि दोनों ने मंदिर के मुख्य द्वार के बाहर एंट्री रजिस्टर में अपना नाम डॉक्टर विपुल विजय वर्गीय नागपुर और काशी गुप्ता के रूप में दर्ज कराया। हालांकि, उस समय महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती मंदिर में मौजूद नहीं थे। वे एक चैनल के लाइव डिबेट में शामिल होने गए हुए थे। 

उनके अनुयायी अनिल यादव ने पुलिस में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है। जिस शख्स ने अपना नाम विपुल विजयवर्गीय बताया है, उसने कहा कि वो डॉक्टर है और ब्लेड का उपयोग मरीजों के उपचार में करता है। काशिफ़ ने पूछताछ में बताया कि विपुल से उसकी दोस्ती फेसबुक के माध्यम से हुई थी और फिर फोन पर बातचीत होने लगी। वो इस दोस्ती का उद्देश्य नहीं बता पाया। उसने कहा कि विपुल कुछ दिनों से गाजियाबाद आया हुआ था और उसे डासना के मंदिर में दर्शन करना था, इसीलिए वो उन्हें यहाँ लेकर आया था। काशिफ़ गाजियाबाद के ही संजयनगर का निवासी है। महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों आरोपित किसी जिहादी संगठन से सम्बन्ध रखते हैं और उन्हें उनकी हत्या के लिए भेजा गया था। 

 

बता दें कि इससे पहले 17 मई को जान मोहम्मद डार उर्फ़ जहाँगीर को दिल्ली पुलिस ने पहाड़गंज के एक होटल से गिरफ्तार किया था। उसके पास से भगवा कपड़ा व पूजा-पाठ की सामग्रियाँ मिली थी। जम्मू कश्मीर का ये आतंकी महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के क़त्ल की सुपारी लेकर आया था। उसके पास से एक पिस्टल और 2 मैगजीन के अलावा 15 कारतूस भी बरामद हुए थे। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी आका आबिद ने उसे ट्रेनिंग देकर भेजा था।

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