100 वर्ष बाद आ रहा करवा पूजन का ऐसा संयोग
100 वर्ष बाद आ रहा करवा पूजन का ऐसा संयोग
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उज्जैन : देशभर में हिंदू मान्यताओं को मानने वाली महिलाओं के लिए आज का दिन विशेष है। विशेषकर आज का दिन पंजाबी और माहेश्वरी समाज की महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है। महिलाऐं सुबह से ही पूजन अर्चन में लगी हैं। महिलाओं द्वारा विशेषतौर पर तैयारियां की जा रही हैं। सुबह से ही महिलाऐं निर्जल निराहार रहकर पूजन कर रही हैं। महिलाओं द्वारा करवा पूजन के लिए सौंदर्य को निखारने के लिए भी समय दिया जा रहा है।

करवा पूजन का यह अवसर बेहद अलग है। दरअसल 100 वर्ष बाद इस पर्व का महासंयोग आया है। करवा पूजन का पर्व बुधवार को मनाया जा रहा है। गौरतलब है कि शुभ कार्तिक मास का रोहिणी नक्षत्र है। चंद्रमा अपने रोहिणी नक्षत्र में निवास कर रहा है। इस दिन बुध कन्या राशि में निवास करेगा। श्री गणेश चतुर्थी और कृष्ण की रोहिणी नक्षत्र का अवसर भी एक साथ आ रहा है। यह एक दुर्लभ संयोग है।

भगवान श्री गणेश जी कृष्ण जी और दोनों के लिए यह दिन बेहद शुभ है। महिलाऐं पति की लंबी आयु की कामना कर रही हैं। बुधवार 19 अक्टूबर को चंद्रमा-वृषभ राशि में और रोहिणी नक्षत्र एक साथ आएगा। यह संयोग बड़े लंबे समय बाद आ रहा है। ऐसे में करवा चतुर्थी पूजन के लिए चंद्र उदय रात्रि में 8.29 बजे होगा। इसी दौरान करवा पूजन का समय शाम 6 बजे से प्रारंभ होगा।

गौरतलब है कि पांडवों के कष्टों के निवारण के लिए द्रोपदी को भगवान श्री कृष्ण ने यह व्रत सुनाया था। करवा चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश, मां गौरी और चंद्रमा का पूजन किया जाता है। चंद्रमा के कारण पति की उम्र बढ़ती है और दोनों को सुखी दांपत्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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