पंजाब सरकार की तरफ से आईएएस अधिकारी विनी महाजन को सूबे की पहली महिला मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है. जिसके अगले ही दिन इस पद से हटाए गए पूर्व मुख्य सचिव करण अवतार सिंह दो महीने की छुट्टी पर चले गए हैं. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार दोपहर तक मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए करण अवतार सिंह ने राज्य स्तरीय स्टैंडिंग कमेटी (एसएलएससी) की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए 1100 किलोमीटर लंबी सड़कों के नवीनीकरण और 16 पुलों के निर्माण की सहमति दी थी. उस समय तक ऐसा कोई आभास नहीं था कि करण अवतार सिंह मुख्य सचिव के तौर पर अपनी अंतिम बैठक में हिस्सा ले रहे हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि दोपहर बाद सरकार ने ट्रांसफर आर्डर निकालते हुए करण अवतार को स्पेशल मुख्य सचिव पब्लिक रिफार्म और ग्रीवांसेज की जिम्मेदारी सौंप दी. करण अवतार 31 अगस्त को रिटायर होने वाले हैं, और उन्होंने 2 महीने की छुट्टी अप्लाई कर साफ कर दिया कि वे अब रिटायरमेंट की औपचारिकता पूरी करने के लिए ही कार्यालय आएंगे. मुख्य सचिव के रूप में करण अवतार सिंह का तीन साल का कार्यकाल बेदाग रहा, जब तक कि नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में उनकी कुछ मंत्रियों से बहस नहीं हुई.
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इस घटना के बाद कैबिनेट मंत्रियों ने मुख्यमंत्री पर करण अवतार सिंह को मुख्य सचिव के पद के हटाने की मांग शुरु कर दी. दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ने मामला रफादफा करने के लिए कैबिनेट की बैठक के दौरान करण अवतार से माफी भी मंगवा दी लेकिन विवाद का यह हल मंत्रियों को अखर गया. माना जा रहा है कि इस मुददे पर मुख्यमंत्री के खिलाफ मंत्रियों की लाबिंग होने लगी थी, जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री को भी हो गई.
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