तरीकेरी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया
तरीकेरी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया
Share:

कर्नाटक/बेल्लारी : जवाहर लाल नेहरू की 88 वर्षीय भांजी नयनतारा सहगल के शुरू किये इस विरोध में रहमत तरीकेरी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है, पुरस्कार लौटाने वालो की कुल संख्या अब 6 हो गई है, तरीकेरी ने कहा, "स्वतंत्र सोच और खाद्य स्वतंत्रता पर हमला करने के विरोध प्रदर्शन के रूप में, मैं इस पुरस्कार को लौटा रहा हूँ"। और शाल,स्मृति चिन्ह सहित एक लाख रुपये की मिली पुरस्कार राशि का चेक संलग्न कर बेंगलूर के साहित्य अकादमी ऑफिस में पंजीकृत डाक से भेज दिया। 

पंजाबी लेखकों गुरबचन भुल्लर, अजमेर सिंह औलख और आत्मजीत सिंह, साहित्यिक आलोचक गणेश एन दावे और अमन सेठी पहले ही पुरस्कार लौटाने वालों में से है। अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने पुरस्कार का इस तरह लौटाना गलत और अतार्किक बताया है। 
 
विश्वनाथ ने कहा," अकादमी किसी भी लेखक के अपने विचार के लिए मार दिये जाने की घटनाओ की निंदा करती है। हम और क्या कर सकते हैं? लेखकों को मुद्दा उठाने के लिए कुछ अन्य साधनों को अपनाना चाहिए। अकादमी सभी लेखकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खड़ा है। लेकिन अकादमी राजनीति में नहीं आ सकती। मैं लेखक समुदाय से अपील करता हूँ की अकादमी की गरिमा की रक्षा के लिए आगे आए"। अरविन्द मलगट्टी ने अकादमी की इस प्रतिक्रिया को को दुखद बताते हुए इस्तीफा दे दिया. अरविन्द: "मैं एम.एम. कलबुर्गी  की हत्या के विरोध में अपने इस्तीफे प्रस्तुत किया है। कलबुर्गी साहित्य अकादमी के एक पुरस्कार से सम्मानित किया गया थे। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा अकादमी की प्राथमिकता होनी चाहिए।"

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -