मशहूर कन्नड़ लेखक प्रोफेसर जी वेंकटसुबबैय्या का निधन
मशहूर कन्नड़ लेखक प्रोफेसर जी वेंकटसुबबैय्या का निधन
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कन्नड़ शब्दकोश के प्रोफेसर गंजाम वेंकटसुबबैया ने सोमवार को तड़के बेंगलुरु में अपनी अंतिम सांस ली। 107 साल आमतौर पर साहित्यिक हलकों में जाना जाता था। उन्होंने 12 शब्दकोशों को संकलित किया था, जिनमें इगो कन्नड़ के तीन खंड शामिल थे, जो कविता, व्याकरण और निबंध जैसे कन्नड़ साहित्य के विभिन्न रूपों को कवर करते हुए 24 साहित्यिक कार्यों को संपादित करते थे। उन्होंने महत्वपूर्ण कार्यों का अन्य भाषाओं से कन्नड़ में अनुवाद भी किया है। 

श्री वेंकटसुबबिया को कन्नड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार और पंपा पुरस्कार भी मिल गया था। अपनी निजी जिंदगी की बात करें तो उनका जन्म 23 अगस्त 1913 को मांड्या जिले के श्रीरंगपटना के गंजाम गांव में हुआ था। उन्होंने 1937 में महाराजा कॉलेज, मैसूर से कन्नड़ में स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी की। जिसके बाद उन्होंने मांड्या जिले के एक म्यूनिसिपल स्कूल में टीचर के तौर पर अपना करियर शुरू किया और दावणगेरे के हाई स्कूल और महाराजा कॉलेज में और बेंगलुरु के विजया कॉलेज में भी पढ़ाया।

वही दूसरी तरफ कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक लाख के करीब हुए मामले दर्ज किए गए हैं। कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या सप्ताहांत में 103 नंबर को पार कर गई। सप्ताहांत के दौरान सबसे अधिक मामलों की सूचना देने वाले अन्य जिलों में मैसूर 1588, कालाबुर्गी 1231, बीदर 828 और तुमाकुरू 1001 थे। पिछले 48 घंटों में 8634 लोग इस संक्रमण से उबर गए। राज्य भर में कोरोना मामलों के बढ़ने के बाद कर्नाटक राज्य सरकार ने कोरोना के दैनिक परीक्षणों का विकल्प चुना है।

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