नई दिल्ली : पटियाला हाउस कोर्ट में हुई मारपीट में पहली बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार का बयान सामने आया है। कन्हैया ने कहा कि 15 व 17 फरवरी को पेशी के दौरान मुझ पर हमला किया गया। सड़क पर मुझे मारने की कोशिश की गई। इसके बाद कोर्ट परिसर में घुसते ही वकीलों के कपड़े पहनी भीड़ ने मुझे पर हमला किया।
कन्हैया ने पुलिस पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि पुलिस ने मुझे बचाने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं की। कन्हैया ने अपना बयान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों के समक्ष दर्ज कराया है। आगे कन्हैया ने कहा कि रास्ते में भी हमारी गाड़ी पर हमले की कोशिश की गई।
कोर्ट परिसर में मारपीट के दौरान मेरी पैंट खुल गई थी और हंगामे के बाद मेरी चप्पल टूट गई। कन्हैया का कहना है कि आरोपी वकीलों को उसने पहचान लिया था। वकीलों ने मुझे गिरा दिया था और लात-घूंसों से मार रहे थे। पिटाई के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इसके बाद वकीलों ने कुछ औऱ वकीलों को बुलाया था।
वकीलों ने मुझे भद्दी-भद्दी गालियां दी। उनकी हरकतों से लग रहा था, वो वहां पूरी तैयारी के साथ आए है। मैंने एक वकील को पहचाना था औऱ इसकी सूचना पुलिस को दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए कुठ वरिष्ठ वकीलों की एक टीम गठित कर दी थी।
कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए हामी तो भर दी है। आरोपी वकीलों को हिरासत में भी लिया गया और फिर उनसे पूछताछ करके उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।