योगा करने से लौटी कंगना की बहन रंगोली की आँख की रोशनी, अदाकरा ने शेयर की कहानी
योगा करने से लौटी कंगना की बहन रंगोली की आँख की रोशनी, अदाकरा ने शेयर की कहानी
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बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत एक बेहतरीन अदाकारा हैं और उन्होंने अपने काम और विवादित बयानों से सुर्खियां प्राप्त की है. कंगना योग करने में भी सबसे आगे हैं और वह योग के प्रति अपने प्रेम के लिए जानी जाती हैं. कंगना आए दिन योग के साथ अपने परिवार के सदस्यों के अनुभव शेयर करती रही हैं और बताती है कि इससे उन्हें मदद मिली है. अब हाल ही में एक पोस्ट में, उन्होंने अपनी बड़ी बहन रंगोली चंदेल पर 'रोड साइड रोमियो' द्वारा किए गए एसिड अटैक के बारे में बताया है. अपनी बहन की योगा करते हुए तस्वीर अपलोड कर कंगना रनौत ने खुलासा किया कि उनकी बहन थर्ड-डिग्री बर्न से पीड़ित थीं और उनका आधा चेहरा जल गया था.

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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इसी के साथ कंगना ने बताया कि, ''उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी. शारीरिक चोट के अलावा, वह मानसिक रूप से बुरी तरह प्रभावित हो गई थी और उन्होंने बोलना या जवाब देना बंद कर दिया था. दवा और इलाज के बाद भी उसकी मानसिक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ.'' आगे कंगना रनौत ने बताया कि उस वक्त 19 साल की रंगोली को उन्होंने अपनी योग क्लासेज में ले जाने का फैसला किया. उसके बाद जैसे ही रंगोली ने योग का अभ्यास करना शुरू किया, वह काफी बदल गई और पहले की तुलना में ज्यादा लाइफ को एन्जॉय करने लगी.

आप देख सकते हैं अपनी पोस्ट में कंगना रनौत ने लिखा है, "रंगोली में सबसे प्रेरक योग कहानी है. एक सड़क किनारे रोमियो ने रंगोली पर तेजाब फेंका जब वह मुश्किल से 21 साल की थी, थर्ड डिग्री जल गई, उनका आधा चेहरा जल गया, एक आंख की रोशनी चली गई, एक कान पिघल गया और एक स्तन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया. 2-3 साल में 53 सर्जरी से गुजरना पड़ा लेकिन वह सब नहीं था."

वही आगे कंगना ने लिखा- ''मेरी सबसे बड़ी चिंता उसका मानसिक स्वास्थ्य था क्योंकि उसने बोलना बंद कर दिया था, हां चाहे कुछ भी हो, वह एक शब्द भी नहीं कहती थी, बस हर चीज को खाली देखो, उसकी एक वायु सेना अधिकारी से सगाई हुई थी और जब उसने एसिड हमले के बाद उसका चेहरा देखा तो वह चला गया और फिर कभी नहीं लौटा. तब भी उसने एक आंसू नहीं छोड़ा और न ही उसने एक शब्द भी कहा, डॉक्टरों ने मुझे बताया कि वह सदमे की स्थिति में है, वे उसे उपचार दिया और उसे मानसिक सहायता के लिए दवा दी लेकिन कुछ भी मदद मिली."

वहीँ इसके बाद कंगना ने आगे लिखा, "उस समय मैं मुश्किल से 19 साल की था, मैंने अपने शिक्षक सूर्य नारायण के साथ योग किया था और मुझे नहीं पता था कि यह जलने और मनोवैज्ञानिक आघात के रोगियों को भी मदद कर सकता है, साथ ही रेटिना ट्रांसप्लांट और आंखों की रोशनी ... मैं चाहती थी कि वह मुझसे बात करें, इसलिए मैं उसे हर जगह अपने साथ ले गई, यहां तक कि अपनी योग क्लास में भी." इसके बाद कंगना ने लिखा- ''उन्होंने योगाभ्यास करना शुरू किया और मैंने उनमें नाटकीय परिवर्तन देखा. उन्होंने न केवल अपने दर्द और मेरे मजाक का जवाब देना शुरू किया, बल्कि एक आंख में अपनी खोई हुई दृष्टि भी वापस पा ली... योग आपके हर दुख का जवाब है." इस तरह कंगना ने योगा का महत्व बताया है.

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